लड़की से बना लड़का, फिर सहेली से रचाई शादी, अब पत्नि बनी मां…शाहजहांपुर के शरद की हैरान करने वाली कहानी

शरद सिंह का जन्म लड़की के रूप में हुआ था, लेकिन बचपन से ही शरद के अंदर एक पुरुष था. फिर शरद ने लड़का लेने का फैसला लिया और सर्जरी कराई. अब शरद की पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया है. घर में खुशी का माहौल है.
Sharad Singh

शरद सिंह

Uttar Pradesh: यूपी के शाहजहांपुर से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है. वैसे तो यह सुनने में फिल्म जैसी लगती है, लेकिन बिल्कुल सच्ची है. दरअसल, शरद सिंह का जन्म लड़की के रूप में हुआ था, लेकिन बचपन से ही शरद के अंदर एक पुरुष था. फिर शरद ने लड़का लेने का फैसला लिया और सर्जरी कराई. अब शरद की पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया है. घर में खुशी का माहौल है. आइये पूरा मामला क्या है जानते हैं.

बचपन में था लड़कों वाला स्टाइल

शरद जब पैदा हुआ, तो वो लड़की था. लेकिन उसका मन हमेशा लड़कों जैसा था. जहां बाकी लड़कियां गुड़िया और किचन सेट से खेलती थीं, वहीं शरद गलियों में लड़कों के साथ कंचे खेलता और उनकी तरह कपड़े पहनता था. लोग उसे देखकर सवाल करते थे, परिवार वाले भी परेशान रहते थे, लेकिन शरद को कोई फर्क नहीं पड़ता था. उसने ठान लिया कि वो वही बनेगा, जो वो अपने दिल से है.

दवा और ऑपरेशन से बदली जिंदगी

2021-22 में शरद ने सोचा कि अब अपनी असली पहचान को दुनिया के सामने लाना है. उसने लखनऊ में हार्मोन की दवा शुरू की. थोड़े दिन बाद उसके चेहरे पर दाढ़ी उग आई और आवाज भी मोटी हो गई. लोग उसे देखकर चौंकने लगे. फिर 2023 में वो मध्य प्रदेश के इंदौर गया और वहां ऑपरेशन करवाया. इस ऑपरेशन से वो पूरी तरह लड़का बन गया. 27 जून, 2023 को शाहजहांपुर के डीएम उमेश प्रताप सिंह ने उसे शरद सिंह के नाम से नया कागज दे दिया. ये दिन शरद के लिए नई जिंदगी की शुरुआत था.

दोस्त को बनाया हमसफर

शरद की जिंदगी में एक और मजेदार मोड़ तब आया, जब उसने अपनी दोस्त सविता से शादी करने का फैसला किया. सविता उसकी पुरानी दोस्त थी, जो उसे अच्छे से समझती थी. 23 नवंबर, 2023 को दोनों ने शादी कर ली. ये शादी देखकर लोग हैरान थे, कुछ को समझ नहीं आया कि ये सब कैसे हो गया. लेकिन शरद और सविता के लिए ये प्यार और भरोसे की मिसाल थी. दोनों ने मिलकर समाज की पुरानी सोच को ठेंगा दिखा दिया.

यह भी पढ़ें: वक्फ बिल पेश करने से ठीक पहले मोदी सरकार ने किए तीन बड़े बदलाव, इसका होगा सबसे ज्यादा असर!

26 साल बाद घर में बेटा

शादी के बाद शरद और सविता ने सोचा कि अब फैमिली को पूरा करना है. 2 अप्रैल, 2025 को सविता को अस्पताल ले जाया गया. वहां ऑपरेशन हुआ और एक प्यारा सा बेटा पैदा हुआ. ये खुशी उनके लिए बहुत बड़ी थी, क्योंकि 26 साल बाद उनके घर में बच्चे की किलकारी गूंजी. शरद ने खुशी-खुशी कहा, “मैंने बहुत कुछ झेला, लेकिन आज पिता बनकर सारी मेहनत सही लग रही है. सविता का सपना पूरा हुआ और मेरा भी!”

अब क्या कर रहा है शरद?

अब शरद शाहजहांपुर के सतवा खुर्द स्कूल में टीचर है. वो अपनी बीवी सविता और बेटे के साथ मस्त जिंदगी जी रहा है. दिन में बच्चों को पढ़ाता है और शाम को अपने परिवार के साथ वक्त बिताता है. उसकी कहानी सुनकर लगता है कि अगर हिम्मत हो और अपने सपनों पर भरोसा हो, तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है.

ज़रूर पढ़ें