“PM मोदी ने नहीं झुकाया सिर, भारत किसी के कहने से नहीं रुकता”, शशि थरूर ने राहुल गांधी को क्यों पढ़ाया देश भक्ति का पाठ?

अमेरिका में पत्रकारों से बात करते हुए थरूर ने कहा, "भारत को कोई समझाने-बुझाने की जरूरत नहीं थी. हमने पहले ही साफ कर दिया था कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद बंद करता है, तो हम भी जवाबी कार्रवाई रोकने को तैयार हैं. अगर अमेरिका ने पाकिस्तान को यह बात समझाई, तो यह उनका अच्छा प्रयास था, लेकिन भारत ने किसी के कहने पर कोई कदम नहीं उठाया."
Shashi Tharoor On Rahul Gandhi

राहुल गांधी और शशि थरूर

Shashi Tharoor On Rahul Gandhi: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विदेश मामलों के जानकार शशि थरूर ने एक बार फिर अपनी बेबाकी से सुर्खियां बटोर ली हैं. अमेरिका में ऑपरेशन सिंदूर के तहत एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थरूर ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी के उस बयान पर करारा जवाब दिया, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक फोन कॉल के बाद ‘सरेंडर’ कर दिया. थरूर ने साफ कहा, “भारत को किसी के कहने से रुकने की जरूरत नहीं पड़ी. हमने हमेशा कहा कि अगर पाकिस्तान रुकता है, तो हम भी रुकने को तैयार हैं.”

क्या है पूरा मामला?

बात शुरू हुई राहुल गांधी के उस बयान से, जिसमें उन्होंने मंगलवार को पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि ट्रंप के एक फोन कॉल के बाद मोदी ने भारत-पाक तनाव में घुटने टेक दिए. राहुल ने 1971 के युद्ध का जिक्र करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तारीफ की और कहा कि वह अमेरिकी दबाव के आगे कभी नहीं झुकीं. दूसरी ओर, ट्रंप ने कई बार दावा किया कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित करने में मध्यस्थता की. लेकिन थरूर ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया.

अमेरिका में पत्रकारों से बात करते हुए थरूर ने कहा, “भारत को कोई समझाने-बुझाने की जरूरत नहीं थी. हमने पहले ही साफ कर दिया था कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद बंद करता है, तो हम भी जवाबी कार्रवाई रोकने को तैयार हैं. अगर अमेरिका ने पाकिस्तान को यह बात समझाई, तो यह उनका अच्छा प्रयास था, लेकिन भारत ने किसी के कहने पर कोई कदम नहीं उठाया.” थरूर ने जोर देकर कहा कि अगर भविष्य में पाकिस्तान से आतंकी हमले होते हैं, तो भारत बल प्रयोग करने से नहीं हिचकेगा. हम आतंकवाद की भाषा समझते हैं, और अगर पाकिस्तान उस भाषा में बात करेगा, तो हम बल का जवाब बल से देंगे.”

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देश पहले, पार्टी बाद में

थरूर के इस बयान के बाद प्रतिनिधिमंडल के एक अन्य सदस्य मिलिंद देवड़ा ने उनकी तारीफ करते हुए कहा, “थरूर हमेशा देश को पार्टी से ऊपर रखते हैं.” थरूर ने यह भी कहा कि वह इस मुद्दे पर ज्यादा बहस में नहीं पड़ना चाहते, क्योंकि भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी कहीं ज्यादा अहम है.

क्या है ऑपरेशन सिंदूर?

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय नेता अमेरिका में जाकर वहां की सरकार, नीति निर्माताओं और बुद्धिजीवियों से भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा कर रहे हैं. इस प्रतिनिधिमंडल में शशि थरूर जैसे अनुभवी नेता शामिल हैं, जो अपनी कूटनीतिक समझ के लिए जाने जाते हैं. इसी ऑपरेशन के जरिए भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को तबाह किया था.

आखिर क्यों चर्चा में है थरूर?

शशि थरूर अपनी स्पष्टवादिता और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का पक्ष मजबूती से रखने के लिए जाने जाते हैं. इस बार भी उन्होंने न सिर्फ राहुल गांधी के बयान को खारिज किया, बल्कि भारत की नीति को भी साफ तौर पर दुनिया के सामने रखा.

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