“कांग्रेस को मेरी जरूरत नहीं, तो मेरे पास…”, शशि थरूर का पार्टी से मोहभंग! राहुल गांधी को दे दिया अल्टीमेटम

शशि थरूर ने यह भी स्पष्ट किया कि वह किसी तरह की ज़िम्मेदारी को लेकर दबाव महसूस नहीं कर रहे. हालांकि, उन्होंने यह जरूर बताया कि केरल में कांग्रेस को एक मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता है, जो पार्टी के कार्यकर्ताओं और सहयोगियों के बीच भी महसूस किया जा रहा है. उन्होंने कहा, "यह मेरी जिम्मेदारी नहीं है, लेकिन मैंने पार्टी को इस दिशा में सजग किया है. "
Shashi Tharoor

कांग्रेस नेता शशि थरूर

Shashi Tharoor: देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस इस वक्त कई चुनौतियों का सामना कर रही है. पार्टी में नेतृत्व संकट, जनाधार की कमी और कई बड़े नेताओं का साथ छोड़ने की खबरें लगातार आ रही हैं. इसी बीच, केरल से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और चार बार के सांसद शशि थरूर ने एक बयान दिया है, जिसने पार्टी के भीतर हलचल मचा दी है. थरूर ने खुलकर कहा कि अगर कांग्रेस को उनकी ज़रूरत नहीं है, तो उनके पास और भी कई विकल्प हैं.

शशि थरूर ने क्या कहा?

शशि थरूर ने ये बातें मलयाली पॉडकास्ट में बातचीत करते हुए कहीं. वह आगामी 2026 के केरल विधानसभा चुनाव के बारे में बात कर रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा कि केरल में नेतृत्व के मामले में उनकी स्थिति काफी मजबूत है. उन्होंने कहा, “कई सर्वे में यह साफ हो चुका है कि केरल में नेतृत्व संभालने के लिए मैं दूसरों से कहीं ज्यादा आगे हूं. अगर कांग्रेस पार्टी मुझे अपनी टीम में रखना चाहती है, तो मैं हमेशा उपलब्ध हूं. लेकिन अगर उन्हें मेरी ज़रूरत नहीं है, तो मुझे चिंता नहीं है क्योंकि मेरे पास और भी बहुत कुछ है – किताबें, भाषण, और दुनियाभर से आने वाले निमंत्रण.”

कांग्रेस के लिए एक चेतावनी

शशि थरूर ने यह भी स्पष्ट किया कि वह किसी तरह की ज़िम्मेदारी को लेकर दबाव महसूस नहीं कर रहे. हालांकि, उन्होंने यह जरूर बताया कि केरल में कांग्रेस को एक मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता है, जो पार्टी के कार्यकर्ताओं और सहयोगियों के बीच भी महसूस किया जा रहा है. उन्होंने कहा, “यह मेरी जिम्मेदारी नहीं है, लेकिन मैंने पार्टी को इस दिशा में सजग किया है. कई कार्यकर्ता और यहां तक कि यूडीएफ के सहयोगी भी मुझसे कह चुके हैं कि केरल कांग्रेस को एक सशक्त नेता की आवश्यकता है.”

यह भी पढ़ें: GIS में 70 देशों के उद्योगपति होंगे शामिल, 7 हजार रजिस्ट्रेशन कैंसिल, 25 हजार मेहमान करेंगे शिरकत

थरूर ने यह भी कहा कि तिरुवनंतपुरम में उनकी लोकप्रियता पार्टी के मुकाबले कहीं ज्यादा है. वहां के लोग उनके संवाद और व्यक्तित्व को पसंद करते हैं. यहां तक कि जो लोग सामान्यतः कांग्रेस के खिलाफ रहते हैं, वे भी उन्हें वोट देते हैं. उनका मानना है कि 2026 के चुनाव में कांग्रेस को वोटरों का विश्वास जीतने के लिए इसी तरह की नीतियों की आवश्यकता होगी. शशि थरूर ने यह भी बताया कि वह संयुक्त राष्ट्र संघ में अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और केरल कांग्रेस के नेता रमेश चेन्निथला के कहने पर ही अमेरिका में अपनी आरामदायक जिंदगी छोड़कर भारत लौटे थे.

क्या होगा आगे?

शशि थरूर का यह बयान कांग्रेस हाईकमान के लिए एक चेतावनी से कम नहीं है. कांग्रेस को अब यह समझना होगा कि थरूर जैसे नेता पार्टी के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं. उनके इस बयान ने यह भी दिखा दिया कि कांग्रेस के अंदर नेतृत्व और रणनीति के बारे में गहरी चिंता है. अब देखना यह होगा कि क्या कांग्रेस अपनी नीतियों में बदलाव लाती है, या फिर थरूर जैसे नेताओं को विकल्प की तलाश करने के लिए मजबूर करती है.

ज़रूर पढ़ें