कुत्ते की तरह घुटने पर चलवाया, जमीन चाटने को किया मजबूर…टारगेट पूरा नहीं होने पर कंपनी ने कर्मचारी को दी ऐसी सज़ा!

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मामला पेरुम्बावूर के अराक्कापदी इलाके में स्थित एक सेल्स कंपनी में हुई. इस कंपनी में हाल के तीन महीनों से कोई पुरुष कर्मचारी नहीं था, केवल महिला कर्मचारी ही काम कर रही थीं.
Kerala Employee Punishment

केरल में कर्मचारी के साथ बदसलूकी

Kerala Employee Punishment: केरल के कोच्चि शहर से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है. यहां एक निजी कंपनी के मालिक ने अपने कर्मचारी को ऐसी खौफनाक सजा दी, जिसे सुनकर किसी के भी होश उड़ जाएं. दावा किया जा रहा है कि कोच्चि के पेरुम्बावूर में स्थित एक प्राइवेट कंपनी में कर्मचारी के गले में कुत्ते का पट्टा डालकर उसे घुटने के बल चलने पर मजबूर किया गया. इतना ही नहीं, उसे कुत्ते के बर्तन में पानी पीने और जमीन चाटने पर भी मजबूर किया गया.

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

सोशल मीडिया पर इस घटना से जुड़ा एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में कंपनी के कर्मचारियों की करतूत देखा जा सकता है. वीडियो में आप देख सकते हैं कि कर्मचारी को कुत्ते की तरह हरकतें करने को कहा जा रहा है. हालांकि, केरल के श्रम मंत्री वी शिवनकुट्टी ने इस मामले पर तुरंत रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने कहा कि राज्य में श्रम कानूनों का पालन सख्ती से किया जाता है और किसी भी प्रकार के उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

सेल्स कंपनी की घिनौनी हरकत!

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मामला पेरुम्बावूर के अराक्कापदी इलाके में स्थित एक सेल्स कंपनी में हुई. इस कंपनी में हाल के तीन महीनों से कोई पुरुष कर्मचारी नहीं था, केवल महिला कर्मचारी ही काम कर रही थीं. श्रम अधिकारी इस मामले में महिला कर्मचारियों से पूछताछ कर रहे हैं.

वीडियो में दिख रहे युवक से अधिकारियों ने पूछताछ की, तो बताया गया कि यह वीडियो एक पूर्व कर्मचारी ने बनाया था, जो नशे का आदी था और नौकरी से निकाल दिया गया था. पुलिस भी मामले की जांच कर रही है और कंपनी के खिलाफ पहले से कई शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं. अब यह मामला मानवाधिकार आयोग तक पहुंच चुका है.

कई कर्मचारियों ने बताया कि यह कंपनी का नियमित तरीका है, जो कर्मचारी लक्ष्य पूरा नहीं करते, उन्हें इस तरह की सजा दी जाती है. इस मामले में पुलिस और अधिकारियों ने जांच तेज कर दी है, और यह मामला राज्य मानवाधिकार आयोग के पास भी पहुंच चुका है.

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