नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल का नाम, ED ने कोर्ट में दाखिल की चार्जशीट
सोनिया गांधी और राहुल गांधी
National Herald Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ा कदम उठाते हुए कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है. यह पहली बार है जब इस मामले में दोनों नेताओं के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई है. इसके अलावा, कांग्रेस के ओवरसीज प्रमुख सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और अन्य लोगों के नाम भी इस आरोप पत्र में शामिल हैं. कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए 25 अप्रैल की तारीख तय की है.
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?
नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़ा यह मामला 2013 में तब सुर्खियों में आया, जब बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने शिकायत दर्ज की. उनका आरोप था कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड में सोनिया और राहुल गांधी की 76% हिस्सेदारी है. इस कंपनी ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों को सिर्फ 50 लाख रुपये में हासिल कर लिया. ED का दावा है कि इस सौदे में 988 करोड़ रुपये की अवैध आय उत्पन्न हुई, जिसमें फर्जी दान, अग्रिम किराया और फर्जी विज्ञापनों के जरिए धन शोधन किया गया.
ईडी के आरोप
ईडी ने अपनी जांच में पाया कि यंग इंडियन ने एजेएल के शेयरों का नियंत्रण लेकर नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों पर कब्जा किया. जांच एजेंसी ने 18 करोड़ रुपये के फर्जी दान, 38 करोड़ की अग्रिम किराया राशि और 29 करोड़ रुपये के फर्जी विज्ञापनों का जिक्र किया है. ईडी का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया मनी लॉन्ड्रिंग का हिस्सा थी.
कांग्रेस का जवाब
कांग्रेस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है. पार्टी का कहना है कि यंग इंडियन एक गैर-लाभकारी कंपनी है, जिसका उद्देश्य नेशनल हेराल्ड को फिर से शुरू करना था. कांग्रेस ने इसे केंद्र सरकार की ओर से राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है.
25 अप्रैल को होने वाली सुनवाई में कोर्ट यह तय करेगा कि आरोपों पर आगे की कार्रवाई कैसे होगी. इस मामले ने एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. जहां बीजेपी इसे भ्रष्टाचार का सबूत बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे सियासी साजिश करार दे रही है. इस केस का भविष्य राजनीति और कानूनी दृष्टिकोण से बेहद अहम रहेगा.