Sultanpur Loot Kand: मंगेश यादव के एनकाउंटर पर गरमाई सियासत, पुलिस ने जारी किया चौंकाने वाला सीसीटीवी फुटेज
Sultanpur Loot Kand: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में 28 अगस्त को हुए बड़े लूटकांड के बाद अब यह मामला राज्य में राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है. इस लूटकांड के बाद मंगेश यादव के एनकाउंटर पर सवाल उठाए जा रहे हैं. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे ‘फर्जी एनकाउंटर’ करार दिया है. इसी विवाद के बीच गुरुवार को यूपी पुलिस ने लूट का सीसीटीवी फुटेज जारी किया, जिसमें मंगेश यादव को वारदात में शामिल देखा जा सकता है.
क्या था सुल्तानपुर लूटकांड?
28 अगस्त को सुल्तानपुर के भारत ज्वैलर्स में दिनदहाड़े हुई डकैती ने सभी को हैरान कर दिया. करीब आधा दर्जन हथियारबंद बदमाश दुकान में घुसे और बड़ी मात्रा में सोने-चांदी के गहने और नकदी लूटकर फरार हो गए. इस लूट की साजिश काफी योजनाबद्ध तरीके से रची गई थी. पुलिस जांच के मुताबिक, लूट से पहले आरोपियों ने दुकान की दो बार रेकी की थी ताकि वे पूरी जानकारी इकट्ठा कर सकें. वारदात को अंजाम देने के लिए जौनपुर से चोरी की गई बाइक का इस्तेमाल किया गया था, जिसे बाद में पुलिस ने बरामद किया.
सवालों के घेरे में मंगेश यादव का एनकाउंटर
लूटकांड के मुख्य आरोपी मंगेश यादव का एनकाउंटर पुलिस ने लूट के कुछ दिन बाद किया. पुलिस का दावा है कि मंगेश यादव ने गिरफ्तारी से बचने के लिए पुलिस पर गोली चलाई, जिसके बाद पुलिस को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी. एनकाउंटर के दौरान मंगेश की मौत हो गई. हालांकि, मंगेश के परिवार और कुछ राजनीतिक दलों ने इस एनकाउंटर पर सवाल उठाए हैं, जिसमें सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे फर्जी करार दिया है. अखिलेश यादव ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है और आरोप लगाया है कि पुलिस ने बिना किसी ठोस कारण के मंगेश को मार गिराया.
सीसीटीवी फुटेज में क्या दिखा?
एनकाउंटर पर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए यूपी पुलिस ने गुरुवार को लूटकांड का सीसीटीवी फुटेज जारी किया. फुटेज में साफ तौर पर दिखाया गया है कि मंगेश यादव और उसके साथी भारत ज्वैलर्स की दुकान में घुसते हैं और लूटपाट करते हैं. पुलिस का कहना है कि इस फुटेज से यह साफ हो जाता है कि मंगेश यादव वारदात में सीधे तौर पर शामिल था. पुलिस ने यह भी कहा कि एनकाउंटर और लूट के मामले में की गई सभी कार्रवाई पूरी तरह से साक्ष्यों पर आधारित थी और किसी भी तरह का अन्याय नहीं किया गया.
डीजीपी और एसटीएफ चीफ की प्रेस कॉन्फ्रेंस
गुरुवार को सुल्तानपुर लूटकांड और मंगेश यादव के एनकाउंटर को लेकर यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार और एसटीएफ के चीफ अमिताभ यश ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की. डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि पुलिस की जांच में पाया गया कि मंगेश यादव लूटकांड में सीधे तौर पर शामिल था. उन्होंने बताया कि इस लूट की साजिश गैंग लीडर विपिन सिंह ने रची थी, जो पहले भी लखनऊ और गुजरात की बड़ी डकैतियों में शामिल रहा है.
अमिताभ यश ने बताया कि लूटकांड से पहले 15 और 13 अगस्त को विपिन सिंह, मंगेश यादव और उनके साथी दुकान की रेकी करने गए थे. लूट के दिन बदमाशों ने दो अलग-अलग ग्रुप बनाकर वारदात को अंजाम दिया. पुलिस ने मास्टरमाइंड विपिन सिंह की निशानदेही पर चार अन्य इनामी बदमाशों को भी गिरफ्तार किया और लूट का सारा सामान बरामद कर लिया, जिसमें सोने-चांदी के गहने और नकदी शामिल थे.
मंगेश यादव के परिवार का बयान
एनकाउंटर के बाद मंगेश यादव की मां और बहन का बयान सामने आया. पुलिस द्वारा जारी बयान में मंगेश की मां और बहन कह रही हैं कि मंगेश उस दिन घर पर नहीं था और वह पहले भी जेल में रह चुका है. परिवार का दावा है कि मंगेश को बिना किसी ठोस वजह के मारा गया, जबकि वह घटना के समय घर पर नहीं था. परिवार के इस बयान के बाद एनकाउंटर पर सवाल और भी गहरे हो गए हैं.
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राजनीतिक प्रतिक्रिया और विवाद
मंगेश यादव के एनकाउंटर पर सियासत तेज हो गई है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस पर आरोप लगाया कि मंगेश का एनकाउंटर फर्जी था और इसके पीछे राजनीतिक दबाव काम कर रहा है. अखिलेश ने एनकाउंटर की स्वतंत्र जांच की मांग की है. वहीं, यूपी पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज जारी कर यह स्पष्ट किया है कि मंगेश यादव लूटकांड में शामिल था और एनकाउंटर की कार्रवाई पूरी तरह से तथ्यों पर आधारित थी.
पुलिस का रुख और कार्रवाई
इस पूरे मामले को लेकर यूपी पुलिस अपने रुख पर कायम है. पुलिस का कहना है कि सभी गिरफ्तारियां और एनकाउंटर कानून के अनुसार और साक्ष्यों के आधार पर किए गए हैं. डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई निष्पक्ष थी और जो भी सवाल उठ रहे हैं, वे बेबुनियाद हैं. पुलिस अब तक लूटकांड में शामिल कई आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है और बाकी फरार आरोपियों की तलाश जारी है. इस तरह, सुल्तानपुर लूटकांड न केवल एक बड़ी आपराधिक घटना बनकर सामने आई, बल्कि मंगेश यादव के एनकाउंटर ने इसे राजनीतिक विवाद का विषय भी बना दिया है.