NEET-UG मामले की SC में सुनवाई, कोर्ट ने कहा- यह स्पष्ट है की पेपर लीक हुआ है, CJI ने री-नीट का दिया संकेत

NEET-UG: सुप्रीम कोर्ट में आज सोमवार, (8 जुलाई) को नीट यूजी पेपर लीक मामले की सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि यह स्पष्ट है कि NEET UG एग्जाम का पेपर लीक हुआ है. हम जानना चाहते हैं कि पेपर लीक से कितने लोगों को फायदा पहुंचा है और उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है. ''
Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट

Supreme Court On NEET-UG: सुप्रीम कोर्ट में आज सोमवार, (8 जुलाई) को नीट यूजी पेपर लीक मामले की सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि यह स्पष्ट है कि NEET UG एग्जाम का पेपर लीक हुआ है. हम जानना चाहते हैं कि पेपर लीक से कितने लोगों को फायदा पहुंचा है और उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है. ” सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने कहा कि अगर पेपर लीक टेलीग्राम, व्हाट्सएप और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से हो रहा है, तो “यह जंगल की आग की तरह फैलता है. ”

पीठ का नेतृत्व दो अन्य न्यायाधीश जे.बी. पारदीवाला और मनोज मिश्रा ने किया. कई छात्रों और कोचिंग संस्थानों ने NEET UG 2024 परिणाम के खिलाफ याचिका दायर की है. एक याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने कहा कि वे पेपर लीक, ओएमआर शीट में हेरफेर, प्रतिरूपण और धोखाधड़ी जैसे आधारों पर परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे थे. सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि “अगर सोशल मीडिया के जरिए लीक का प्रचार किया गया है तो दोबारा टेस्ट का आदेश देना होगा.”

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केंद्र सरकार ने री-नीट कराने से किया इनकार

इस बीच, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपनी बात रखते हुए NEET UG 2024 को फिर से आयोजित करने की अनिच्छा व्यक्त की है, जिसमें कहा गया है कि इसे पूरी तरह से रद्द करने से “लाखों ईमानदार उम्मीदवार गंभीर रूप से खतरे में पड़ जाएंगे” जो इस साल 5 मई को परीक्षा में शामिल हुए थे. शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को शीर्ष अदालत में दायर अपने हलफनामे में केवल यह स्वीकार किया है कि NEET UG के संचालन के दौरान “अनियमितताएं, धोखाधड़ी, प्रतिरूपण, कदाचार के मामले सामने आए थे.” हालांकि पेपर लीक का कोई जिक्र नहीं है.

केंद्र सरकार की ओर से आगे कहा गया है कि “अखिल भारतीय परीक्षा में बड़े पैमाने पर गोपनीयता के उल्लंघन के किसी सबूत के अभाव में पूरी परीक्षा को रद्द करना तर्कसंगत नहीं होगा.”

शित्रा मंत्रालय ने अपने हलफनामें में क्या कहा?

शिक्षा मंत्रालय द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा गया है कि किसी भी परीक्षा में प्रतिस्पर्धात्मक अधिकार बनाए गए हैं, जिससे बड़ी संख्या में छात्रों के हितों को भी खतरे में नहीं डाला जाना चाहिए, जिन्होंने बिना किसी कथित अनुचित साधन को अपना परीक्षा दी है. परीक्षा को पूरी तरह से रद्द करने से उन लाखों ईमानदार उम्मीदवारों को गंभीर खतरा होगा जिन्होंने 2024 में प्रश्न पत्र का प्रयास किया था.

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