‘किसी को राहुल गांधी या लालू यादव नाम रखने से कैसे रोक सकते हैं?’ जानिए चुनाव के बीच Supreme Court ने क्यों की ऐसी टिप्पणी

Supreme Court: जनहित याचिका में यह कहा गया था कि कोई माता-पिता अपने बच्चों का नाम लालू यादव या राहुल गांधी रख दें तो उन्हें कौन रोक सकता है?
Supreme Court, lalu yadav, rahul gandhi

Supreme Court: देश में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान हो रहे है. दो चरणों का मतदान भी संपन्न भी हो चुका है. तीसरे चरण का मतदान 7 मई को होने वाला है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव से जुड़े एक जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. दरअसल, जनहित याचिका में यह कहा गया था कि कोई माता-पिता अपने बच्चों का नाम लालू यादव या राहुल गांधी रख दें तो उन्हें कौन रोक सकता है?

डमी उम्मीदवारों को रोकने के लिए जनहित याचिका

देश की सर्वोच्च अदालत में राजनेताओं से मिलते-जुलते नाम वाले डमी (Dummy) उम्मीदवारों को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाने की मांग करते हुए जनहित याचिका दायर की गई थी. इस याचिका में मांग की गई थी कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से ऐसे डमी उम्मीदवारों को रोकने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाए. जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस ने इस मामले पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया.

‘किसी को बच्चों के ऐसे नाम रखने से रोका जा सकता है?’

जस्टिस बीआर गवई की अगुआई वाली पीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अगर किसी व्यक्ति का बचपन से राहुल गांधी या लालू यादव जैसा नाम हो तो क्या आप उसे चुनाव लड़ने से रोक देंगे और क्या माता-पिता को अपने बच्चों के ऐसे नाम रखने से रोका जा सकता है? ऐसा कहते हुए पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया.

यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: रायबरेली से राहुल गांधी ने किया नामांकन, सोनिया गांधी, प्रियंका और खड़गे रहे मौजूद

‘वोटरों को भ्रमित करने के लिए किया जा रहा ऐसा’

बता दें कि यह जनहित याचिका साबू स्टीफन नाम के एक शख्स ने दायर की थी. जनहित याचिका पर उनका कहना था कि ऐसे उम्मीदवारों को जानबूझकर चुनाव को प्रभावित करने के लिए मैदान में उतारा जाता है. ऐसा वोटरों को भ्रमित करने के लिए किया जा सकता है और कई नेता इस तरह के हमनामों की वजह से बहुत कम अंतर से चुनाव हारे हैं. ऐसे में चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाए कि इसकी गहन जांच पड़ताल की जाए.

ज़रूर पढ़ें