Supreme Court: झूठे विज्ञापन से बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की बढ़ी मुश्किलें, सुप्रीम कोर्ट ने थमाया अवमानना नोटिस
Supreme Court: बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण अब मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को अवमानना का नोटिस जारी कर दो हफ्ते बाद कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है. अदालत का यह आदेश झूठे और भ्रामक विज्ञापन से जुड़े केस के मामला में दिया गया है. कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद से जुड़े मामले में यह आदेश सुनाया है.
दरअसल, पतंजलि पर आरोप है कि उसने मधुमेह, BP, थाइरॉइड, अस्थमा, ग्लूकोमा और गठिया जैसे रोगों के स्थाई समाधान/उन्मूलन के विज्ञापन दिए, जो भ्रामक विज्ञापन की श्रेणी में आते हैं. सुप्रीम कोर्ट इस बात से नाराज था. इसी से जुड़े विज्ञापन के मामले पर मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई. लेकिन सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण कोर्ट में हाजिर नहीं हुए.
अदालत ने मंगलवार को इस मामले में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को कारण बताओं नोटिस जारी किया. कोर्ट ने नोटिस के जरिए पूछा कि बताएं आपके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई क्यों ना की जाए? अवमानना नोटिस पर जब सुप्रीम कोर्ट को जवाब नहीं मिला तो सुप्रीम कोर्ट बहुत नाराज हुआ.
दो हफ्ते बाद होगी सुनवाई
कोर्ट ने कड़ा रुख रखते हुए कहा कि इसके परिणाम भुगतने होंगे. कोर्ट ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण दोनों को तलब किया है. कोर्ट का मानना है कि पहली नजर में इस मामले में दोनों की तरफ से कानून का उल्लंघन हुआ है. अब इस मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी.
इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधिश हिमा कोहली और न्यायाधिश अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने की. वहीं अदालत में पतंजलि की ओर से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने पक्ष रखा. मुकुल रोहतगी के तर्कों पर नाराज कोर्ट ने पूछा कि वह तस्वीर में कैसे आते हैं? आप दिखाई दे रहे हैं. अगली तारीख को देखेंगे. बहुत हो गया है.