AAP को झटका; पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को जाना होगा जेल, सुप्रीम कोर्ट का नियमित जमानत देने से इनकार

Satyendra Jain:  मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सत्येंद्र जैन की नियमित जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
Satyendar Jain

पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को जाना होगा जेल, सुप्रीम कोर्ट का नियमित जमानत देने से इनकार

Satyendra Jain: मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने पूर्व मंत्री की नियमित जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें तुरंत सरेंडर करने को भीकहा है. जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्तल की पीठ ने ये फैसला सुनाते हुए उन्हें तत्काल आत्मसमर्पण करने को कहा है. मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में ईडी ने सत्येंद्र जैन को मई 2022 में गिरफ्तार किया था. सत्येंद्र जैन 10 महीने से अंतरिम जमानत पर थे. सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर उन्हें अंतरिम जमानत दी थी. हालांकि कोर्ट ने उन पर कई तरह की पाबंदियां भी लगाई थीं.

बता दें कि पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के साथ-साथ इस मामले में आरोपी रहे अंकुश जैन और वैभव जैन की जमानत याचिका पर भी कोर्ट ने फैसला सुनाया है. जिसमें अंकुश जैन और वैभव जैन की जमानत याचिका को भी खारिज कर दी गई है.

ये भी पढ़ें- Rohini Acharya Profile: कौन हैं रोहिणी आचार्य? कैसे पड़ा नाम, पिता को किडनी देकर MBBS बेटी ने दिया नया जीवन, अब बन रहा उनका द्वार

स्वास्थ्य के आधार पर मिली थी जमानत 

साल 2018 में ED ने इस मामले में सत्येंद्र जैन से पूछताछ की थी. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 22 मई, 2022 में उनकी गिरफ्तारी का विरोध भी किया था. इसके बाद 26 मई, 2023 में सत्येंद्र जैन को स्वास्थ्य समस्याओं के आधार पर जमानत मिल गई थी. तबसे वह अपना इलाज करा रहे हैं. पूर्व मंत्री की ओर से पेश वकील विवेक जैन ने उनके खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए आत्मसमर्पण के लिए समय बढ़ाने की मांग की. अदालत ने अनुरोध खारिज कर दिया और अपना आदेश बरकरार रखा.

ईडी ने जब्त किया था ₹4.60 करोड़ की संपत्ति

बता दें कि ईडी ने इस मामले में ₹4.60 करोड़ की अपराध की कथित संपत्ति जब्त कर चुकी है. जांच एजेंसी ने दावा किया कि सत्येन्द्र जैन अपनी पत्नी पूनम जैन के निर्देशन के माध्यम से तीन कंपनियों को नियंत्रित कर रहे थे. ईडी की ओर से दलील दी गई कि दो अन्य आरोपी वैभव जैन और अंकुश जैन तीनों कंपनियों में प्रमुख शेयरधारक और निदेशक थे. सत्येन्द्र जैन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पहले शेयरधारिता, निदेशकत्व और कंपनियों की वित्तीय स्थिति पर नियंत्रण का हवाला दिया और कहा कि याचिकाकर्ता के पास उन पर नियंत्रण नहीं है. जैन को पिछले साल मई में जेल के बाथरूम में गिरने के बाद मेडिकल जमानत दी गई थी. पिछले साल 21 जुलाई को उनकी रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन हुआ था.

ज़रूर पढ़ें