Budget 2025 में मिडल क्लास की उम्मीदों को लगेंगे पंख! जानिए क्या है सरकार की तैयारी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
Budget 2025: हर साल जब बजट का वक्त आता है, तो पूरे देश की नज़रें एक ही सवाल पर होती हैं, “क्या इस बार टैक्स में कोई राहत मिलेगी?” अब आप सोचिए, जब सरकार के साथ-साथ सैलरीड क्लास और मिडल क्लास के लोग भी ‘हाथ जोड़कर’ उम्मीदों के साथ बैठते हैं, तो इस बार का बजट सच में खास हो सकता है! वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करने जा रही हैं, और सभी की नज़रें इस बात पर हैं कि क्या इस बार टैक्स स्लैब में राहत मिलेगी, क्या हेल्थ इंश्योरेंस पर छूट मिलेगी, और क्या मिडल क्लास का दिल थोड़ी खुशियों से भरने वाला है? तो चलिए, इस बार के बजट के वो ‘जादुई’ बदलाव जानते हैं, जिसकी तैयारी सरकार कर रही है.
क्या इस बार राहत मिलने वाली है?
1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने ‘बजट बूस्टर’ के साथ सामने आएंगी, और उम्मीद की जा रही है कि इस बार टैक्सपेयर्स के लिए कुछ खास होगा. पिछले कुछ सालों से टैक्स स्लैब और छूट पर जमकर चर्चा हो रही है. हालांकि, खबर यह है कि सरकार नए टैक्स रिजीम में कोई नया मोड़ नहीं देने जा रही, लेकिन पुराने सिस्टम में कुछ सुधार हो सकता है, जिससे आम आदमी को थोड़ा और राहत मिल सके.
मिडल क्लास का हाथ भरा जाएगा?
मिडल क्लास के लिए राहत की सबसे बड़ी उम्मीदें टैक्स स्लैब में बदलाव से हैं. अब सोचिए, अगर आपकी सालाना कमाई 10 लाख रुपये के आसपास है और आप टैक्स के डर से बार-बार बटुए में झांकते रहते हैं, तो यह बजट आपके लिए थोड़ी राहत का पैगाम ला सकता है. अगर सरकार टैक्स स्लैब में थोड़ी सी बढ़त देती है या टैक्स रेट्स को घटाती है, तो यह आपके जिगर को ठंडक पहुंचा सकता है. पिछले बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया था, जिससे लाखों करदाताओं को राहत मिली थी. इस बार भी सरकार इस पर विचार कर सकती है, जिससे आपके टैक्स में कमी हो सकती है.
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स्वास्थ्य बीमा और NPS पर टैक्स छूट?
अब बात करते हैं उन लोगों की जिनका जीवन पहले से ही कई खर्चों से भरा हुआ है, जैसे हेल्थ इंश्योरेंस और पेंशन फंड (NPS). ऐसे लोग खासतौर पर चाहते हैं कि सरकार हेल्थ इंश्योरेंस और पेंशन पर टैक्स छूट दे, क्योंकि एक आम भारतीय को पब्लिक सेक्टर की तरह बीमा या पेंशन नहीं मिलती. यह चीज़ जितनी अहम है, उतनी ही यह एक चुनौती भी है. अगर सरकार हेल्थ इंश्योरेंस पर 50,000 रुपये और एनपीएस पर 75,000 रुपये तक की छूट देती है, तो यह आम आदमी की जिंदगी में एक बड़ा बदलाव ला सकती है. अब आप सोचिए, हर महीने का खर्च थोड़ा कम हो, तो मस्ती में भी इजाफा हो सकता है!
क्या पुरानी व्यवस्था खत्म होगी?
यह सवाल कुछ ज्यादा ही तगड़ा हो गया है! पुराने टैक्स रिजीम को लेकर काफी गहमा-गहमी है. कई लोग चाहते हैं कि पुराने टैक्स रिजीम को ही खत्म कर दिया जाए, ताकि उन्हें House Rent Allowance, होम लोन आदि पर टैक्स छूट मिल सके. लेकिन सरकार का कहना है कि पुराने सिस्टम की छूटों से नया सिस्टम फिर से पुराना हो जाएगा. यानि, अगर आप पुराने सिस्टम को फिर से अपनाना चाहते हैं तो आपको नये सिस्टम के फायदे छोड़ने पड़ेंगे.
टैक्स में कटौती, लेकिन सरकार को होगा नुकसान
अगर सरकार टैक्स की दर को घटाकर 25% कर देती है और साथ ही कुछ छूटें देती है, तो इसका असर सरकारी खजाने पर पड़ेगा. सरकार को इससे सालाना 74,000 करोड़ से लेकर 1.1 लाख करोड़ रुपये तक का नुकसान हो सकता है. अब, सवाल ये है कि क्या सरकार इतनी बड़ी छूट देने के लिए तैयार होगी? इसका सीधा मतलब है कि टैक्स छूट के लिए जो कदम उठाए जाएंगे, वह सरकारी खजाने पर दबाव डाल सकते हैं.
तो क्या होगा असर?
इस साल का बजट कई मायनों में खास हो सकता है. मिडल क्लास के लिए राहत, टैक्स स्लैब में बदलाव और हेल्थ इंश्योरेंस, एनपीएस जैसी चीज़ों पर टैक्स में छूट. इन सबका असर सीधा आम आदमी की जेब पर पड़ेगा. लेकिन साथ ही, इससे सरकार को राजस्व की कमी हो सकती है, जो कि आर्थिक स्थिति पर असर डाल सकती है.
लेकिन एक बात साफ है कि सरकार के लिए यह कदम उठाना आसान नहीं होगा, क्योंकि टैक्स छूट देना और राजस्व बढ़ाना एक साथ थोड़ा मुश्किल हो सकता है. फिर भी, सरकार इस बारे में काफी सोच-समझ कर कदम उठाएगी ताकि दोनों पक्षों को संतुलन मिल सके.
क्या-क्या मिलेगा इस बार?
तो इस बार के बजट में हमें कई चीजें बदलते हुए देखने को मिल सकती हैं. मिडल क्लास के लिए राहत, टैक्स स्लैब में बदलाव और हेल्थ इंश्योरेंस पर छूट जैसे कदम उम्मीद की किरण बन सकते हैं. अब यह देखना है कि सरकार कितनी छूट देती है और क्या उसे आर्थिक नुकसान का खतरा उठाना पड़ेगा. फिर भी, इस बार के बजट को लेकर उम्मीदें ज्यादा हैं, और शायद इस बार हमारे बटुए में थोड़ी राहत भी मिले!