जहां कभी मुश्किल से जलती थी ‘लालटेन’! उस बिहार को ‘स्कॉटलैंड’ बनाने चले तेजस्वी, चुनाव से पहले कर दिया बड़ा वादा
तेजस्वी यादव
Bihar Election: बिहार की राजनीति में आजकल ‘स्कॉटलैंड’ की खूब चर्चा है, और इसका श्रेय जाता है राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव को. उन्होंने बड़े आत्मविश्वास के साथ खुद को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया है. और तो और, दावा ये भी है कि इस बात पर ‘इंडिया’ गठबंधन में सहमति बन चुकी है. लेकिन जिस बयान ने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरीं, वो था , “अगर हमारी सरकार बनी, तो हम बिहार को स्कॉटलैंड बना देंगे.”
अब ये सुनकर बिहार के पुराने वासी और राजनीति के जानकार, सब भौंचक्के रह गए हैं. मन में एक सवाल कौंधना लाज़िमी है, “जब लालू प्रसाद यादव खुद बिहार के मुख्यमंत्री थे, तब कौन सा बिहार ‘स्कॉटलैंड’ बन गया था?”
‘जंगलराज’ और ‘चारा घोटाला’ बनाम ‘स्कॉटलैंड’ का सपना
आइये, थोड़ा फ्लैशबैक में चलते हैं. लालू प्रसाद यादव के शासनकाल को अक्सर ‘जंगलराज’ और ‘चारा घोटाला’ जैसे शब्दों से जोड़ा जाता था. सड़कें गड्ढों में ज्यादा दिखती थीं और बिजली की आंख-मिचौली रोज की बात थी. शाम होते ही लोगों को घरों में दुबकना पड़ता था और अपराध का बोलबाला था. तब विकसित शहरों, हरियाली या ‘स्कॉटलैंड’ जैसी किसी कल्पना का दूर-दूर तक कोई नामोनिशान नहीं था. बिहार उस समय विकास की दौड़ में पिछड़ा हुआ था और उसकी पहचान कई नकारात्मक कारणों से होती थी.
ऐसे में, उनके बेटे तेजस्वी यादव का यह दावा कि वो बिहार को स्कॉटलैंड में बदल देंगे, सुनने में कुछ ज्यादा ही फिल्मी लगता है. क्या ये सिर्फ चुनावी वादों की झड़ी में एक नया और आकर्षक फूल है, या वाकई तेजस्वी के पास कोई ऐसी जादू की छड़ी है जो बिहार की दशकों पुरानी समस्याओं को चुटकियों में हल कर देगी? या फिर, ये सिर्फ एक ऐसा बयान है जो हेडलाइन बटोरने के लिए दिया गया है, ताकि लोग कुछ देर के लिए ‘स्कॉटलैंड’ की खूबसूरत वादियों में खो जाएं और बिहार की जमीनी हकीकत भूल जाएं?
तेजस्वी ने बीजेपी पर साधा निशाना
स्कॉटलैंड बनाने के वादे के अलावा, तेजस्वी ने बीजेपी नेताओं पर भी जमकर निशाना साधा. उन्हें ‘चिंटू’ बताते हुए आरोप लगाया कि वे ‘नमाजवाद’ और ‘मौलाना स्क्रिप्ट’ जैसी बातें करके सिर्फ जाति और धर्म की राजनीति फैलाते हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में ऐसी राजनीति चलने नहीं देंगे. उन्होंने बीजेपी के सुधांशु त्रिवेदी पर भी तंज कसा कि वह अपनी दम पर नेता नहीं बने हैं. अपने भाई तेज प्रताप यादव की हरकतों पर भी उन्होंने सार्वजनिक रूप से नाराजगी जताई.
कन्हैया कुमार ने लगाई मुहर
तेजस्वी के दावों को कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार का भी साथ मिला. कन्हैया ने शुक्रवार को साफ कहा कि अगर महागठबंधन को बहुमत मिला, तो मुख्यमंत्री आरजेडी से ही होगा और तेजस्वी यादव ही चेहरा होंगे. उनका तर्क सीधा है जिसके पास ज्यादा विधायक, उसी का सीएम.
इतना ही नहीं, तेजस्वी ने एक और बड़ा दावा किया, जिसने राजनीतिक गलियारों में तूफान ला दिया. उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार बनी, तो वक्फ अधिनियम को कूड़ेदान में फेंक दिया जाएगा. उन्होंने याद दिलाया कि लालू प्रसाद यादव ने भी इस कानून का विरोध किया था और वे इसके खिलाफ कोर्ट भी गए थे. उन्होंने मुस्लिम समुदाय से वादा किया कि नई सरकार गरीबों की समर्थक होगी और इस कानून को रद्द कर देगी.
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देश किसी के बाप की प्रॉपर्टी नहीं!
तेजस्वी ने केंद्र और राज्य में सत्ता साझा करने वाली बीजेपी को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने याद दिलाया कि देश को आजादी हिंदुओं, मुसलमानों, सिखों और ईसाइयों के बलिदान से मिली है. उन्होंने तल्ख लहजे में कहा, “कोई ये न समझे कि देश उसके पिता की प्रॉपर्टी है.” उन्होंने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर भी बीजेपी पर हमला बोला और लोगों से अपील की कि मताधिकार से वंचित करने की किसी भी साजिश को सफल न होने दें.
कुल मिलाकर, तेजस्वी यादव ने अपने बयानों से बिहार की सियासी जमीन को गरमा दिया है. ‘स्कॉटलैंड’ बनाने का उनका सपना, पुरानी सरकारों पर तंज, और विवादास्पद कानूनों पर उनके स्टैंड, सब ने मिलकर चुनावी माहौल को दिलचस्प बना दिया है.