लद्दाख के अधिकार की लड़ाई, दिल्ली तक आई…हिरासत में लिए गए सोनम वांगचुक समेत 150 से ज्यादा लोग
Sonam Wangchuk March to Delhi: दिल्ली पुलिस ने लद्दाख के प्रसिद्ध शिक्षाविद और जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक सहित लगभग 150 लोगों को हिरासत में ले लिया. ये सभी लोग लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग के लिए दिल्ली की ओर पैदल मार्च कर रहे थे. हिरासत की कार्रवाई दिल्ली के सिंघु बार्डर पर की गई, जहां पुलिस ने उन्हें वापस जाने का आदेश दिया. जब वे नहीं माने तो पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया.
सोनम वांगचुक ने अपने हिरासत की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की, जिसमें उन्होंने बताया कि उनके साथ अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया है. यह मार्च लद्दाख में स्वायत्तता और विशेष अधिकारों की मांग के तहत किया जा रहा था, जो कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से उठाई जा रही है.
I AM BEING DETAINED…
along with 150 padyatris
at Delhi Border, by a police force of 100s some say 1,000.
Many elderly men & women in their 80s and few dozen Army veterans…
Our fate is unknown.
We were on a most peaceful march to Bapu’s Samadhi… in the largest democracy… pic.twitter.com/iPZOJE5uuM— Sonam Wangchuk (@Wangchuk66) September 30, 2024
कौन हैं सोनम वांगचुक?
सोनम वांगचुक का जन्म 1 सितंबर 1966 को लद्दाख के अलची में हुआ था. वह स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) के संस्थापक-निदेशक हैं और पिछले 30 वर्षों से शिक्षा सुधार के क्षेत्र में सक्रिय हैं. उनकी उपलब्धियों में सोलर हीटेड मिलिट्री टेंट और आर्टिफिशियल ग्लेशियर जैसे आविष्कार शामिल हैं. वांगचुक का जीवन आमिर खान की फिल्म “थ्री इडियट” से भी जुड़ा है, जिसमें उनके अनुभवों को दर्शाया गया है.
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लद्दाख की मांगें
लद्दाख के लोग लंबे समय से छठी अनुसूची में शामिल होने, स्वायत्तता और राज्य का दर्जा पाने की मांग कर रहे हैं. 2019 से जब लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला, तब से यह मुद्दा उठता रहा है. केंद्र सरकार ने हाल ही में लद्दाख में नए जिलों की घोषणा की थी, लेकिन स्थानीय लोगों में इस संबंध में निराशा बनी हुई है.
सोनम वांगचुक ने पहले भी भूख हड़ताल का सहारा लिया था, और उनका यह आंदोलन अब भी जारी है. केंद्र सरकार से उनकी बातचीत का प्रयास विफल रहा है, जिससे आंदोलन और तेज हो गया है. वांगचुक का कहना है कि लद्दाख की मांगों की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए. फिलहाल वांगचुक के साथ पैदल चल रहे लोगों को हिरासत में लेकर दिल्ली लाया गया है.