“अभी चले जाओ बच्चों, आगे…”, सच निकली इस छात्रा की कहानी, पहले ही कर दी थी वायनाड ट्रैजडी की भविष्यवाणी!

कहानी के मुताबिक, दो दोस्त (अनास्वरा और अलमक्रिता) अपने माता-पिता को बताए बिना झरना देखने जाती हैं. जल्द ही, पक्षी लड़कियों के पास आता है और उन्हें तुरंत चले जाने के लिए कहता है.
Waynad Disaster

वायनाड में तबाही

Waynad Disaster: पिछले दिनों केरल ने कुदरत की मार झेला. वायनाड में हुए लैंडस्लाइड में अब तक 300 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. मलबा अब भी लाशें उगल रहा है. करीब 150 लोग अब भी लापता हैं. हालांकि, सेना ने मोर्चा संभालते हुए कई लोगों को बचाया भी है, लेकिन इस हादसे में हजारों लोगों के आशियाने तबाह हो गए.

वायनाड लैंडस्लाइड की अब अलग-अलग कहानियां सामने आ रही हैं. एक ऐसा दावा किया गया है, जिसे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे. दरअसल, दावा किया जा रहा है कि तबाही की भविष्यवाणी एक 8वीं कक्षा की छात्रा ने पहले ही कर दी थी.

कहानी की कुछ पंक्तियों को लेकर दावा

दरअसल, पिछले साल अपनी स्कूल की पत्रिका में कक्षा 8 की छात्रा ने एक कहानी लिखी थी. इस कहानी की कुछ पंक्तियां इस प्रकार हैं, “अगर बारिश हुई, तो भूस्खलन झरने से टकराएगा और अपने रास्ते में आने वाली हर चीज़ को निगल जाएगा, कई लोगों की मौत होगी.” अब कहा जा रहा है कि छात्रा ने इस हादसे की भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी.

मलबे में दबा स्कूल

अब जब एक साल बाद विनाशकारी भूस्खलन ने वायनाड को तहस-नहस कर दिया है. चूरामला के वेल्लरमला में सरकारी व्यावसायिक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भी पूरी तरह से मलबे में दब गया है, तो लोग छात्रा की कहानी को सच मानने लगे हैं.  इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, छात्रा ने अपने पिता को भी इस तबाही में खो दिया है. छात्रा लाया ने एक लड़की के बारे में कहानी लिखी जो एक झरने में डूब जाती है, लेकिन एक पक्षी के रूप में फिर वापस आती है और दो दोस्तों को खतरे के बारे में चेतावनी देती है.

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क्या है कहानी?

कहानी के मुताबिक, दो दोस्त (अनास्वरा और अलमक्रिता) अपने माता-पिता को बताए बिना झरना देखने जाती हैं. जल्द ही, पक्षी लड़कियों के पास आता है और उन्हें तुरंत चले जाने के लिए कहता है. अभी चले जाओ, बच्चों. आगे खतरा है,” पक्षी लड़कियों को चेतावनी देता है. लय ने अपने स्कूल की डिजिटल पत्रिका ‘वेल्लारम कल्लुकल’ के लिए एक साल पहले यह कहानी लिखी थी.

तीन बार हुआ लैंडस्लाइड

बता दें कि मंगलवार को  सुबह 2 बजे के करीब पहला लैंडस्लाइड हुआ, उसके बाद सुबह 4:10 बजे दूसरा भूस्खलन हुआ. इसके ठीक बाद एक और लैंडस्लाइड हुआ. मलबा करीब 8 किलोमीटर तक बहता रहा. इस हादसे में मेप्पाडी, मुंडक्कई और चूरलमाला जैसे कई इलाके अलग-थलग पड़ गए हैं और सड़कें बह गए हैं. वायनाड की स्थिति बद से बदतर हो गई है. आलम यह है कि नदी ने भी अपनी दिशा बदल ली है.

सीएम निजयन ने की हाई लेवल मीटिंग

इस बीच केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने स्थिति का जायजा लेने के लिए कल रात वायनाड में एक उच्च स्तरीय बैठक की. उन्होंने कहा कि बचाव मुख्य प्राथमिकता होगी और पुनर्वास जल्द से जल्द किया जाएगा. लोकसभा में विपक्ष के नेता और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने भूस्खलन को “भयानक त्रासदी” बताया. एक दिन पहले ही तबाही का जायजा लेने वायनाड पहुंचे कांग्रेस नेता ने इससे निपटने के लिए तत्काल व्यापक कार्य योजना की भी मांग की. वहीं सेना के जवानों ने दी के ऊपर महज 16 घंटे में 100 मीटर से भी लंबा पुल तैयार कर दिया है.

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