लोकसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी को झटका, TMC सांसद Mimi Chakraborty ने दिया इस्तीफा, बताई ये बड़ी वजह
Mimi Chakraborty Resign: गुरुवार, 15 फरवरी को पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस(Trinamool Congress) पार्टी को बड़ा झटका लगा. TMC सांसद मिमी चक्रवर्ती ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. मिमी चक्रवर्ती ने पार्टी की प्रमुख ममता बनर्जी को अपना इस्तीफा सौंपा है. अभिनेत्री और सांसद ने इस्तीफा देते हुए लिखा है कि वह अपनी सीट पर टीएमसी के स्थानीय नेतृत्व से नाखुश हैं. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में मिमी चक्रवर्ती ने पश्चिम बंगाल के जादवपुर सीट से जीत हासिल की थी.
अभी लोकसभा अध्यक्ष को नहीं सौंपा इस्तीफा
मिमी ने इस्तीफे के बाद कहा कि वह अपनी जादवपुर की सीट पर टीएमसी के स्थानीय नेतृत्व से नाखुश हैं. बता दें उन्होंने अपना इस्तीफा सीधे लोकसभा अध्यक्ष को नहीं सौंपा है. इसलिए तकनीकी तौर पर उन्होंने सिर्फ अपने फैसले की सिर्फ घोषणा की है. उनके इस इस्तीफे को औपचारिक इस्तीफे के रूप में नहीं माना जाएगा. मिमी चक्रवर्ती बंगाली सिनेमा इंडस्ट्री में मशहूर नाम है. उनकी लोकप्रियता को देखते हुए वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें TMC ने उम्मीदवार बनाया.
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— Vistaar News (@VistaarNews) February 15, 2024
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बीजेपी के अनुपम हाजरा को हराया था मिमी चक्रवर्ती ने
TMC की ओर से मिमी चक्रवर्ती से मुकाबले के लिए बीजेपी ने अनुपम हाजरा को जादवपुर से टिकट दिया था. वहीं CPM की ओर से विकास रंजन भट्टाचार्य मैदान में उतरे थे. मिमी चक्रवर्ती ने अपनी लोकप्रियता, ममता के चेहरे और सोनार बांग्ला के सपने की बदौलत जादवपुर सीट पर बड़ी जीत दर्ज की. उन्होंने बीजेपी नेता अनुपम हाजरा को लगभग 2 लाख 95 हजार वोटों के बडे़ अंतर से हराया. वहीं सीपीएम तीसरे स्थान पर रही.
श्रीकांत महतो ने लगाया था बड़ा आरोप
बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार में राज्य मंत्री श्रीकांत महतो ने TMC की सांसद मिमी चक्रवर्ती समेत अन्य कई बड़े नेताओं पर पैसे लूटने का बड़ा आरोप लगाया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि मिमी चक्रवर्ती, जून मालिया, सयानी घोष, सयंतिका बनर्जी, नुसरत जहां जैसे नेता सिर्फ पैसे लूट रहे हैं. उन्होंने कहा था कि अगर यह नेता पैसे लूटकर पार्टी की संपत्ति बन जाते हैं, तो ऐसे में वह मंत्री नहीं रहना चाहते हैं. उन्होंने कहा था कि लोग कह रहे हैं कि बंगाल कैबिनेट के सभी मंत्री चोर हैं. पार्टी सिर्फ चोरों की ही सुनेगी. इसके लिए नए रास्ते तलाशने होंगे. सभी को इसके खिलाफ एक आंदोलन खड़ा करना होगा.