“उद्धव के साथ हुआ विश्वासघात, ठाकरे ही बनेंगे मुख्यमंत्री…”, बीजेपी के विरोधी खेमों के पक्ष में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का बड़ा बयान

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद लगातार बीजेपी के विरोधी ख़ेमों के पक्ष में बयान देते रहे हैं और अभी हाल ही में हिंदू वाले बयान को लेकर राहुल गांधी को क्लीन चिट भी दी थी.
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानं

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानं

Swami Avimukteshwaranand: ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सोमवार को शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने कहा कि उन्हें धोखा दिया गया है और वे फिर से महाराष्ट्र के सीएम बनेंगे. शंकराचार्य ने कहा, “हम सभी सनातन धर्म के अनुयायी हैं. हमारे पास ‘पाप’ और ‘पुण्य’ की परिभाषा है. सबसे बड़ा पाप विश्वासघात है.”

शंकराचार्य ने कहा कि उद्धव ठाकरे को धोखा दिया गया है. मैंने उनसे कहा कि उनके साथ हुए विश्वासघात से हम सभी दुखी हैं. जब तक वह दोबारा महाराष्ट्र के सीएम नहीं बन जाते, तब तक हमारा दर्द कम नहीं होगा. शंकराचार्य ने आगे कहा कि जो व्यक्ति धोखा करता है, वह हिंदू नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता चुनाव परिणाम के अपमान से आहत है. यह चुनाव में दिखा भी है. यह उन लोगों का भी अपमान है, जो अपना नेता चुनते हैं. बीच में सरकार तोड़ना और जनादेश का अपमान करना गलत है.

बीजेपी के विरोधी खेमों के पक्ष में बयान दे रहे हैं शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद

बता दें कि शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद लगातार बीजेपी के विरोधी ख़ेमों के पक्ष में बयान देते रहे हैं और अभी हाल ही में हिंदू वाले बयान को लेकर राहुल गांधी को क्लीन चिट भी दी थी. उन्होंने, इसके पहले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर भी सवाल उठाया था. राम मंदिर को लेकर उन्होंने कहा था कि वेदों में पुरोहितों की भूमिका के लिए एक विशिष्ट प्रावधान है, जो इसे ब्राह्मणों के लिए आरक्षित करता है. वैदिक परंपराओं के अनुसार, पुरोहिती विशेष तौर पर ब्राह्मण जाति के लिए मानी जाती है. उन्होंने मंदिर के पुजारी के रूप में शूद्र की नियुक्ति की आलोचना की.

शंकराचार्य ने कहा था कि यह भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक बार नरेंद्र मोदी अपनी राजनीतिक समृद्धि के लिए आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु शंकराचार्यों के चरणों में देखे गए थे, जो अब सनातन मूल्यों और गरिमाओं को कमजोर करने के लिए एक अधार्मिक की भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने कहा था कि बहुप्रतीक्षित राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा में हिंदू धर्म के सर्वोच्च धर्म गुरुओं का शामिल न होना वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है. यह न केवल एक धार्मिक झटका है, बल्कि इसके व्यापक सामाजिक और राजनीतिक निहितार्थ भी हैं.

यह भी पढ़ें: नेपाल में बनी ओली की ‘बेमेल’ सरकार, क्या भारत के साथ रिश्तों पर पड़ेगा असर?

केदारनाथ मंदिर को लेकर भी दिया बयान

बता दें कि इससे पहले दिन में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने दिल्ली में बन रहे केदारनाथ मंदिर को लेकर भी बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि केदारनाथ में सोने का घोटाला हुआ है, यह मुद्दा क्यों नहीं उठाया जाता? वहां घोटाला करने के बाद अब दिल्ली में केदारनाथ बनेगा? और फिर एक और घोटाला होगा. केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब है. कोई जांच शुरू नहीं हुई है. इसके लिए कौन जिम्मेदार है? अब वे कह रहे हैं कि वे दिल्ली में केदारनाथ बनाएंगे, ऐसा नहीं हो सकता.”

ज़रूर पढ़ें