CAA Implemented: सीएए कानून के तहत दिल्ली में शरणार्थियों को मिली नागरिकता, 14 लोगों को सौंपा गया सर्टिफिकेट
CAA Implemented: 11 मार्च को पूरे देश में CAA यानी नागरिकता(संशोधन) अधिनियम, 2019 को लागू कर दिया था. अब 15 मार्च, बुधवार को इस कानून के तहत 14 लोगों को भारत की नागरिकता दी गई है. विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर इस बात की जानकारी दी है. विदेश मंत्रालय केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने बुधवार को नई दिल्ली में 14 आवेदकों को नागरिकता प्रमाणपत्र सौंपे. यह कानून 11 दिसंबर 2019 में संसद से पास हुआ था.
सत्यापन के बाद आवेदकों को दिलाई निष्ठा की शपथ
बता दें कि, भारत सरकार की ओर से 11 मार्च, 2024 को नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 को अधिसूचित किया गया था. इन नियमों में आवेदन करने के तरीके, जिलास्तरीय समिति (DLC) की ओर से आवेदन को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया और राज्यस्तरीय अधिकार प्राप्त समिति (EC) की ओर से आवेदनों की जांच और नागरिकता प्रदान करने की व्यवस्था की गई है. इन नियमों के लागू होने के बाद, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित लोगों के आवेदन मिले थे, जो धार्मिक उत्पीड़न या इसके डर के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आ गए थे. अधिकारियों के रूप में वरिष्ठ डाक अधीक्षकों/डाक अधीक्षकों की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय समितियों (DLC) ने दस्तावेजों के सफल सत्यापन के बाद आवेदकों को निष्ठा की शपथ दिलाई.
केन्द्रीय गृह सचिव श्री अजय कुमार भल्ला ने आज नई दिल्ली में नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 की अधिसूचना जारी होने के बाद पहली बार कुछ आवेदकों को नागरिकता प्रमाणपत्र सौंपे।@PIB_India @DDNewslive @airnewsalerts
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— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) May 15, 2024
कैसे मिल सकती है शरणार्थियों को भारत की नागरिकता?
गृह मंत्रालय की तरफ से जारी हुए आदेश के अनुसार सभी शरणार्थियों को सबसे पहले खुद को तीन देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में से किसी का निवासी साबित करना होगा. इसके लिए शरणार्थी को उस देश का पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र, शैक्षणिक प्रमाण पत्र, उस देश की सरकार की तरफ से जारी किया गया किसी भी तरह का प्रमाण पत्र या लाइसेंस, जमीन के दस्तावेज जैसे कुछ भी ऐसे कागज दिखाने पड़ेंगे, जिससे यह साबित किया जा सके कि वह पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगनिस्तान का प्रताड़ित गैर मुस्लिम शरणार्थी है. वहीं इस दौरान नागरिकता का आवेदन करने वालों आवेदकों को 31 दिसंबर 2014 से पहले देश में प्रवेश का अपना वीजा और इमीग्रेशन दिखाना पड़ेगा. इसके साथ ही विदेशी क्षेत्रीय की ओर से जारी पंजीकरण प्रमाणपत्र या आवासीय परमिट दिखा कर आवेदन किया जा सकता है.
जनगणना के समय मिली पर्ची को माना जाएगा प्रमाण
इसके साथ ही भारत में पंजीकरण अधिकारी (एफआरआरओ) या विदेशी पंजीकरण अधिकारी (एफआरओ)की ओर से जारी किए जाने वाले कागज भी प्रमाण के रूप में जमा किया जा सकता है. इसके साथ ही जगगणना के समय दी जाने वाली पर्ची भी प्रमाण के तौर पर मानी जाएगी. आवेदक भारत सरकार के की ओर से आधार कार्ड, ड्राइवर लाइसेंस, राशन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, कोर्ट से जारी किया गया कोई कागज, जमीन के दस्तावेज, पैन कार्ड, बैंक और पोस्ट ऑफिस के दस्तावेज, बिजली और पानी का बिल, स्कूल और कॉलेज के दस्तावेज और विवाह प्रमाण पत्र समेत कई दस्तावेजों को दिखाकर नागरिकता के लिए आवेदन किया जा सकता है.