‘मीडिया’, ‘कारीगर’ और ‘आर्टिकल’ जैसे कोड वर्ड…संभल में ‘हवशी तांत्रिकों’ का भंडाफोड़, कारनामे जान हो जाएंगे हैरान!

गिरोह के सदस्य कोड वर्ड का इस्तेमाल करते थे, जो दिखाता था कि यह सब कुछ योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा था. गैंग में तीन मुख्य कोड वर्ड थे, 'मीडिया', 'कारीगर' और 'आर्टिकल'. इन कोड वर्ड्स का इस्तेमाल गिरोह के विभिन्न सदस्यों के कार्यों को छिपाने के लिए किया जाता था.
Sambhal Tantrik Gang

संभल में हवशी तांत्रिकों का भंडाफोड़

Sambhal Tantrik Gang: उत्तर प्रदेश का संभल जिला इन दिनों एक हैरान करने वाली और दिल दहला देने वाली खबरों की वजह से सुर्खियों में है. यहां एक तांत्रिकों के गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है, जिनके कारनामे जानकर आप दंग रह जाएंगे. यह गिरोह पिछले आठ सालों से भोले-भाले लोगों को अपनी चपेट में लेकर उन्हें शारीरिक और आर्थिक शोषण का शिकार बना रहा था. पुलिस ने इस गिरोह के 14 सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो अब सलाखों के पीछे हैं. इस गिरोह को‘धन वर्षा तांत्रिक गिरोह’ के नाम से जाना जाता था.

कैसे शुरू हुआ था यह गिरोह?

यह गिरोह तंत्र-मंत्र के नाम पर लोगों से ठगी करता था. गिरोह के सदस्य तंत्र विद्या और अमीर बनने के सपने दिखाकर लोगों को धोखा देते थे. इन तांत्रिकों का कहना था कि अगर कोई उनके साथ जुड़ता है और तंत्र-मंत्र की प्रक्रिया से गुजरता है, तो उसे 5 से 35 करोड़ रुपये तक मिल सकते हैं. इसी लालच में आकर लोग तंत्र-मंत्र की ओर बढ़ते गए. लेकिन यह केवल झांसा था, क्योंकि इन तांत्रिकों का असली उद्देश्य था लोगों का शारीरिक और मानसिक शोषण करना.

गिरोह के सदस्य कोड वर्ड का इस्तेमाल करते थे, जो दिखाता था कि यह सब कुछ योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा था. गैंग में तीन मुख्य कोड वर्ड थे, ‘मीडिया’, ‘कारीगर’ और ‘आर्टिकल’. इन कोड वर्ड्स का इस्तेमाल गिरोह के विभिन्न सदस्यों के कार्यों को छिपाने के लिए किया जाता था. ‘मीडिया’ वह टीम थी, जो लोगों को फंसाती थी, ‘कारीगर’ वे थे जो तंत्र-मंत्र करते थे, और ‘आर्टिकल’ लड़के और लड़कियां थीं, जिन्हें इस घिनौने खेल का हिस्सा बनना पड़ता था.

गिरोह का नेटवर्क

गिरोह के सदस्य आमतौर पर फॉर्म भरवाते थे जिसमें महिलाओं से उनका नाम, पता, उम्र, गोत्र, लंबाई, वजन और यहां तक कि उनकी मासिक धर्म की तारीख तक पूछी जाती थी. यह सब कुछ तंत्र-मंत्र के नाम पर किया जाता था. गिरोह के सदस्य इन जानकारी को लाकर तंत्र क्रिया का हिस्सा बनाते थे और फिर महिला और पुरुषों का शोषण करते थे. इन शोषणों के वीडियो बनाकर उसे अन्य लोगों को भेजते थे और उनका भी शारीरिक शोषण करते थे.

यह गिरोह न केवल संभल बल्कि उत्तर प्रदेश के कई अन्य जिलों, जैसे एटा, आगरा, फिरोजाबाद में भी सक्रिय था. इस गिरोह के शिकार दर्जनों लड़कियां और महिलाएं बनी हैं. इसके अलावा, गिरोह के कुछ सदस्य सरकारी नौकरी में भी थे, जिनमें रेलवे के स्टेशन मास्टर भी शामिल हैं.

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पुलिस ने किया बड़ा खुलासा

संभल पुलिस ने इस गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 14 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने कहा है कि गिरोह के सदस्य तंत्र-मंत्र के जरिए भोले-भाले लोगों को फंसाकर उनसे पैसे ऐंठते थे. इन आरोपियों के पास से नग्न वीडियो, तंत्र विद्या की सामग्री, दुर्लभ प्रजातियों के सांप, कछुए और उल्लू बरामद हुए हैं, जो तंत्र-मंत्र के काम में लाए जाते थे. पुलिस ने इस गिरोह के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें रिंकू, अजब सिंह, दुर्जन, संतोष, रघुवीर, आकाश, कप्तान सिंह, संजय चौहान, डी एन त्रिपाठी, जय प्रकाश, सोनू और लाल सिंह शामिल हैं.

आत्मनिर्भरता के नाम पर छल

इस पूरी घटना ने यह सवाल खड़ा किया है कि कैसे कुछ लोग केवल स्वार्थ सिद्धि के लिए तंत्र-मंत्र जैसी पवित्र चीज़ों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. इस घटना ने यह भी साबित कर दिया है कि ऐसे गिरोह अपनी शिकार बनाए जाने के लिए बेहद चालाक होते हैं, और लोग अपनी मुसीबतों से उबरने के लिए कितनी भी बड़ी कीमत चुकाने के लिए तैयार हो जाते हैं.

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