इस जेल में कमजोर से कमजोर कैदी भी हो जाते हैं तंदुरुस्त, कई तो बन गए बॉडीबिल्डर

अब आप सोच रहे होंगे कि ये सब कैसे मुमकिन हो रहा है? हल्द्वानी जेल प्रशासन हर महीने 35 लाख रुपये पर खर्च करता है ताकि इन कैदियों को सही खानपान मिल सके. हर कैदी पर प्रतिदिन 110 रुपये खर्च किए जाते हैं.
Haldwani Jail

प्रतीकात्मक तस्वीर

Haldwani Jail: उत्तराखंड की हल्द्वानी जेल इन दिनों चर्चा में है, लेकिन इस बार वजह कुछ अलग है. यहां जेल में बंद कैदी केवल अपनी सजा नहीं काटते, बल्कि अपनी सेहत भी सुधारते हैं. जी हां, आप सुनकर हैरान होंगे, लेकिन हल्द्वानी जेल में कैदियों की सेहत का इतना ध्यान रखा जाता है कि कमजोर से कमजोर कैदी भी वहां आकर तंदुरुस्त हो जाते हैं. लेकिन कैसे? तो चलिए, हल्द्वानी जेल की इस अनोखी और दिलचस्प कहानी को विस्तार से जानते हैं.

खाना जो बदल दे सेहत

जेल प्रशासन की मानें तो यहां के कैदियों को पौष्टिक और संतुलित भोजन दिया जाता है. हर दिन सुबह बिस्किट और चाय से दिन की शुरुआत होती है, और फिर दोपहर में दाल, चावल, सब्जी और रोटी परोसी जाती है. रात में भी यही खाना दिया जाता है, ताकि उनका पोषण संतुलित रहे.

यही नहीं, हल्द्वानी जेल में कैदियों की सेहत का विशेष ध्यान रखने के लिए एक फिक्स डाइट चार्ट भी बनाया गया है, जिसमें कभी-कभी व्यंजनों में बदलाव भी किया जाता है. इस बदलाव का मकसद केवल और केवल उनकी सेहत को और बेहतर बनाना है.

कितना खर्च होता है?

अब आप सोच रहे होंगे कि ये सब कैसे मुमकिन हो रहा है? हल्द्वानी जेल प्रशासन हर महीने 35 लाख रुपये पर खर्च करता है ताकि इन कैदियों को सही खानपान मिल सके. हर कैदी पर प्रतिदिन 110 रुपये खर्च किए जाते हैं. आंकड़ों के मुताबिक, सालाना 40 हजार रुपये एक बंदी की सेहत पर खर्च होते हैं. तो इस जेल का खाना न सिर्फ स्वादिष्ट है, बल्कि सेहतमंद भी है!

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सेहत की तरफ एक कदम और…

कैदियों के लिए तो यह एक वरदान बन गया है. जो लोग पहले कुपोषित थे, अब वो तंदुरुस्त और स्वस्थ हो जाते हैं. उनके शरीर में ताकत आती है और कई तो बॉडीबिल्डर जैसी बॉडी बना लेते हैं. हल्द्वानी जेल में बंद एक कैदी ने बताया कि पहले वह काफी कमजोर था, लेकिन अब उसे शरीर में ताकत महसूस होती है और उसे लगता है कि जेल में उसकी सेहत की पूरी देखभाल हो रही है.

पर्यटकों के लिए एक खास आकर्षण है पुरानी जेल

हल्द्वानी जेल केवल एक सुरक्षा केंद्र ही नहीं, बल्कि ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है. यहां सुल्ताना डाकू जैसे प्रसिद्ध अपराधी भी रहे हैं, जो अंग्रेजों के खिलाफ लड़े थे. आजकल, इस जेल के एक हिस्से को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है, जहां लोग कैदियों के कपड़े पहनकर और जेल का खाना खाकर जेल का अनुभव कर सकते हैं. तो, यह जेल एक ऐसी जगह है, जहां कैदियों को सिर्फ सजा नहीं मिलती, बल्कि उनकी सेहत भी सुधरती है और एक नया जीवन मिलता है.

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