“जब कांग्रेस की सरकार थी, तब… ये बस राजनीतिक स्टंट है”, विनेश फोगाट के ताऊ ने भूपेंद्र हुड्डा पर कसा तंज

विनेश को सबसे पहले राज्यसभा भेजने की वकालत तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने ही की थी.
विनेश फोगाट के ताऊ महावीर फोगाट और भूपेंद्र हुड्डा

विनेश फोगाट के ताऊ महावीर फोगाट और भूपेंद्र हुड्डा

भारतीय पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) को 2024 पेरिस ओलंपिक में ओवरवेट होने के कारण डिसक्वालीफाई कर दिया गया है. जब से यह खबर आई है पूरा देश मायूस है. हालांकि, अब इस मुद्दे को राजनीतिक रंग भी दिया जाने लगा है. तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने सोशल मीडिया पर एक अपील की. उन्होंने कहा कि फोगाट को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए या राष्ट्रपति कोटे से राज्यसभा भेजा जाए.

महावीर फोगाट ने भूपेंद्र हुड्डा पर कसा तंज

इस बीच विनेश फोगाट के ताऊ का बयान सामने आया है. विनेश फोगाट के ताऊ महावीर फोगाट ने कहा, “2012 में गीता ने बतौर पहली महिला ओलंपिक क्वालीफाई किया था. जब भूपेंद्र हुड्डा की सरकार और गीता और बबीता को DSP का पद मिलना था लेकिन हुड्डा साहब ने भेदभाव करके गीता को इंस्पेक्टर और बबीता को सब इंस्पेक्टर लगाया. कोर्ट में केस डालने के बाद कोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया. जब भूपेंद्र हुड्डा की सरकार थी तब गीता ने कई रिकॉर्ड बनाए तब उन्हें राज्यसभा क्यों नहीं भेजा? ये बस एक राजनीतिक स्टंट है.”

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“मेरा बहुमत होता तो मैं उसे…”

दरअसल, विनेश फोगाट के ताऊ का बयान तब सामने आया है जब हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, “राज्यसभा की सीट खाली हो रही है. अगर मेरा बहुमत होता तो मैं उसे(विनेश फोगाट) राज्यसभा में भेजता जिससे पूरे देश के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलता.” बता दें कि विनेश को सबसे पहले राज्यसभा भेजने की वकालत तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने ही की थी. बनर्जी ने सरकार और विपक्ष दोनों से फोगाट की असाधारण उपलब्धियों के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने या राष्ट्रपति कोटे से राज्यसभा सीट के लिए नामित करने पर आम सहमति का सुझाव दिया गया है.

बनर्जी ने कहा कि फोगाट के अथक दृढ़ संकल्प को किसी भी पदक से पूरी तरह से नहीं समझा जा सकता है. उन्होंने जिस तरह के संघर्ष का सामना किया है, उसे देखते हुए हम उसके लिए कम से कम इतना तो कर ही सकते हैं. कोई भी पदक उसकी असली क्षमता को पूरी तरह से नहीं दर्शा सकता. सरकार और विपक्ष को आम सहमति बनाने का कोई रास्ता निकालना चाहिए और विनेश फोगाट को भारत रत्न से सम्मानित करना चाहिए या राष्ट्रपति द्वारा नामित राज्यसभा सीट के लिए उन्हें नामित करना चाहिए, ताकि उनके असाधारण साहस को पहचाना जा सके. हम उसके लिए कम से कम इतना तो कर ही सकते हैं.

 

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