जिसे लेकर गला फाड़ रहे मौलाना, उस ‘वक्फ’ का इन इस्लामिक देशों में नामोनिशान नहीं!

भारत सरकार के मुताबिक, कई इस्लामिक देश ऐसे हैं जहां वक्फ की कोई व्यवस्था नहीं है. इनमें तुर्किये, लीबिया, इजिप्ट, सूडान, लेबनान, सीरिया, जॉर्डन, ट्यूनीशिया और इराक शामिल हैं. यानी इन देशों में न तो वक्फ बोर्ड है और न ही ऐसी संपत्तियों को मैनेज करने का कोई खास सिस्टम.
Waqf Bill

प्रतीकात्मक तस्वीर

Waqf Bill: भारत में इन दिनों वक्फ संशोधन बिल 2024 को लेकर खूब चर्चा हो रही है. संसद में इस बिल पर लंबी बहस हुई और इसे पास करने की तैयारी चल रही है. सरकार का कहना है कि यह बिल वक्फ संपत्तियों को बेहतर तरीके से मैनेज करने और पारदर्शिता लाने के लिए जरूरी है. लेकिन विपक्ष और कुछ मुस्लिम संगठन इसे धर्म विशेष के अधिकारों में दखल मान रहे हैं. इस बीच एक सवाल सबके मन में है कि क्या हर इस्लामिक देश में वक्फ बोर्ड की व्यवस्था होती है? आइए, कहां क्या क्या व्यवस्था है, विस्तार से जानते हैं.

वक्फ क्या होता है?

वक्फ का मतलब है कोई संपत्ति जो अल्लाह के नाम पर दान कर दी जाए. इसे बाद में वापस नहीं लिया जा सकता. भारत में वक्फ बोर्ड ऐसी संपत्तियों को संभालता है, जैसे मस्जिद, कब्रिस्तान या गरीबों की मदद के लिए जमीन. देश में करीब 8 लाख 70 हजार वक्फ संपत्तियां हैं, जो 9 लाख 40 हजार एकड़ जमीन पर फैली हैं. इनकी कीमत 1 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा की बताई जाती है.

किन इस्लामिक देशों में नहीं है वक्फ?

भारत सरकार के मुताबिक, कई इस्लामिक देश ऐसे हैं जहां वक्फ की कोई व्यवस्था नहीं है. इनमें तुर्किये, लीबिया, इजिप्ट, सूडान, लेबनान, सीरिया, जॉर्डन, ट्यूनीशिया और इराक शामिल हैं. यानी इन देशों में न तो वक्फ बोर्ड है और न ही ऐसी संपत्तियों को मैनेज करने का कोई खास सिस्टम. यह सुनकर हैरानी हो सकती है, क्योंकि भारत जैसे गैर-इस्लामिक देश में वक्फ को कानूनी मान्यता दी गई है. सरकार का कहना है कि वह इस बिल से वक्फ के अधिकार नहीं छीन रही, बल्कि इसे और मजबूत करना चाहती है.

किन देशों में है वक्फ की व्यवस्था?

दूसरी तरफ, कुछ इस्लामिक देशों में वक्फ का सिस्टम मौजूद है. मलेशिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब, यूएई, बांग्लादेश, पाकिस्तान और ओमान जैसे देशों में वक्फ बोर्ड या ऐसे ही संस्थान काम करते हैं. कहीं यह राष्ट्रीय स्तर पर कानून से चलता है, तो कहीं प्रांत के हिसाब से नियम हैं. भारत में तो केंद्र और राज्यों, दोनों स्तरों पर वक्फ बोर्ड हैं.

भारत में वक्फ की ताकत

क्या आप जानते हैं कि दुनिया में सबसे ज्यादा निजी संपत्ति भारत के वक्फ बोर्ड के पास है? अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में यह बात कही. सरकार का मानना है कि इन संपत्तियों का सही इस्तेमाल हो तो हर साल हजारों करोड़ रुपये की कमाई हो सकती है. यह पैसा मुस्लिम छात्रों की पढ़ाई और गरीब परिवारों की मदद में लगाया जा सकता है.

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वक्फ संपत्ति वापस ले सकते हैं?

एक सवाल यह भी है कि क्या वक्फ की गई संपत्ति को वापस लिया जा सकता है? जवाब है – नहीं. एक बार संपत्ति वक्फ की हो गई, तो वह हमेशा के लिए अल्लाह के नाम रहती है. जैसे बेंगलुरु का ईदगाह ग्राउंड, जो 1850 से वक्फ है.

बिल को लेकर बहस

वक्फ संशोधन बिल में कई बदलाव प्रस्तावित हैं, जैसे वक्फ की परिभाषा साफ करना और रजिस्ट्रेशन का तरीका आसान करना. सरकार इसे जरूरी बता रही है, लेकिन विपक्ष का कहना है कि यह धार्मिक आजादी पर हमला है. बहस अभी जारी है, और जल्द ही यह साफ हो जाएगा कि बिल पास होता है या नहीं. हालांकि, नंबर मोदी सरकार के फेवर में है, तो बिल को पास कराने में कोई खास परेशानी नहीं होगी.

वक्फ को लेकर भारत का सिस्टम अनोखा है. जहां कुछ इस्लामिक देशों में यह है ही नहीं, वहीं भारत में इसे मजबूत कानूनी आधार मिला हुआ है. अब देखना यह है कि नया बिल इसे और बेहतर बनाता है या विवाद बढ़ाता है.

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