जामिया से जॉर्जटाउन तक…यूपी के इस लड़के की हमास में कैसे बनी पैठ? बदर खान सूरी की पूरी कहानी

2012 में बदर की दोस्ती यूसुफ के परिवार से हुई. यूसुफ की बेटी मफज से बदर का करीबी संपर्क बढ़ा. मफज बदर के कामों को ट्रांसलेट करती थी और दोनों के बीच धीरे-धीरे दोस्ती का रिश्ता मजबूत हुआ. बदर ने 2014 में मफज से शादी के लिए प्रस्ताव दिया, लेकिन शुरुआत में यूसुफ ने इसे ठुकरा दिया.
बदर खान सूरी

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Badar Khan Suri: क्या हो अगर एक साधारण छात्र, जो जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में रिसर्च की पढ़ाई कर रहा हो, अचानक अंतरराष्ट्रीय विवादों और आतंकवाद के आरोपों में घिर जाए? ऐसा ही कुछ हुआ है बदर खान सूरी के साथ.

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से ताल्लुक रखने वाले बदर खान सूरी को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया है. बदर पर हमास के साथ संबंध रखने के आरोप लगे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बदर खान सूरी कैसे एक आतंकी नेटवर्क का हिस्सा बन गया? आइए, जानते हैं बदर की पूरी कहानी!

कौन है बदर खान सूरी?

बदर खान सूरी का जन्म उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में हुआ था. उसने अपनी शुरुआती पढ़ाई जामिया मिल्लिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) से की थी, जहां उसने पहले मास्टर डिग्री हासिल की और फिर पीएचडी में दाखिला लिया. बदर की पीएचडी का विषय था – ‘शांति और विवाद’ (Peace and Conflict).

बदर के मुताबिक, वह 2009 में जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने के लिए सहारनपुर से दिल्ली पहुंचा, और 2020 तक दिल्ली में ही था. इसके बाद, वह 2022 में अमेरिका के जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में अपनी पढ़ाई जारी रखने पहुंचा. उसने मिडिल ईस्ट मॉनिटर (Middle East Monitor) नामक वेबसाइट पर फिलिस्तीन के समर्थन में कई लेख भी लिखे थे.

हमास में पैठ कैसे बनी?

बदर खान सूरी को लेकर सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि उसकी हमास से कनेक्शन की शुरुआत कैसे हुई? अमेरिकी पुलिस के अनुसार, बदर हमास (Hamas) जैसे आतंकी संगठन से जुड़ा था. पोलिटिको की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बदर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर इज़राइल पुलिस और सरकार के खिलाफ लगातार पोस्ट की थी. यही नहीं, रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि बदर ने हमास के वरिष्ठ नेता यूसुफ अहमद से भी कई बार मुलाकात की थी. यूसुफ अहमद, हमास के पूर्व प्रमुख इस्माइल हनियेह का सलाहकार रह चुका है.

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बदर की कैसे हुई यूसुफ अहमद से मुलाकात?

रिपोर्ट के अनुसार, बदर की पहली मुलाकात यूसुफ अहमद से एक खास रिश्ते के जरिए हुई. दरअसल, 2012 में बदर की दोस्ती यूसुफ के परिवार से हुई. यूसुफ की बेटी मफज से बदर का करीबी संपर्क बढ़ा. मफज बदर के कामों को ट्रांसलेट करती थी और दोनों के बीच धीरे-धीरे दोस्ती का रिश्ता मजबूत हुआ. बदर ने 2014 में मफज से शादी के लिए प्रस्ताव दिया, लेकिन शुरुआत में यूसुफ ने इसे ठुकरा दिया. बाद में बदर और मफज ने यूसुफ को मनाने के लिए गाजा (Gaza) की यात्रा की, और अंत में रिश्ता पक्का हो गया.

2014 में बदर और मफज की शादी दिल्ली में हुई. मफज भी जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर चुकी हैं और वर्तमान में अमेरिका में ही रहती हैं. इस विवाह के बाद, बदर के रिश्ते और भी घनिष्ठ हो गए, जिससे उनके हमास से संपर्क को लेकर शक गहरा गया.

अमेरिका में गिरफ्तारी

अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, बदर को हमास जैसे संगठनों के साथ जुड़े होने की वजह से गिरफ्तार किया गया है. यदि उसे अमेरिकी न्यायालय से राहत नहीं मिलती, तो उसे भारत वापस भेजा जा सकता है. अब सवाल यही है कि अमेरिका में पढ़ाई करने वाले एक छात्र की हमास से कनेक्शन कैसे बन सकते हैं?

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