बाबा सिद्दीकी के एक फोन पर क्यों उमड़ पड़ता था पूरा बॉलीवुड? जानें फिल्मी सितारों से कैसा था कनेक्शन
Baba Siddique Death: महाराष्ट्र के प्रभावशाली नेता और NCP (अजित पवार गुट) के सदस्य बाबा सिद्दीकी की हाल ही में गोली मारकर हत्या कर दी गई. घटना के बाद उन्हें लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. बताया जा रहा है कि हमलावरों ने बाबा पर 6 राउंड फायरिंग की, जिसमें एक गोली उनके सीने में लगी. बाबा सिद्दीकी का नाम राजनीति के साथ-साथ बॉलीवुड में भी काफी प्रभावशाली था. उनकी इफ्तार पार्टियां बॉलीवुड सितारों के बीच बेहद लोकप्रिय थीं, जिसमें हर साल बड़े-बड़े सितारे शरीक होते थे.
बॉलीवुड की चकाचौंध से सजी इफ्तार पार्टी
बाबा सिद्दीकी की इफ्तार पार्टियां सिर्फ राजनीति से जुड़े लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि बॉलीवुड के सितारों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होती थीं. इन पार्टियों में सलमान खान, शाहरुख खान, संजय दत्त और सुनील शेट्टी जैसी मशहूर हस्तियों की शिरकत होती थी. बाबा और सलमान खान के बीच खास रिश्ता था, लेकिन संजय दत्त के साथ भी उनका एक करीबी संबंध था. हर साल रमजान के मौके पर आयोजित होने वाली इस इफ्तार पार्टी में इंडस्ट्री के कई बड़े नाम शामिल होते थे, जो इसे खास बनाता था.
इस साल की इफ्तार पार्टी भी चर्चा का विषय बनी, जिसमें सलमान खान, इमरान हाशमी, हुमा कुरैशी और गौहर खान जैसे सितारे मौजूद थे. पार्टी की एक खास तस्वीर ने भी सोशल मीडिया पर काफी ध्यान खींचा, जिसमें इमरान हाशमी ने बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान के साथ अपना जन्मदिन मनाया.
पार्टी में खत्म होती थीं पुरानी दुश्मनियां
बाबा सिद्दीकी की इफ्तार पार्टी केवल सितारों की मौजूदगी के लिए ही मशहूर नहीं थी, बल्कि यहां कई पुरानी दुश्मनियां भी खत्म होती थीं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण शाहरुख खान और सलमान खान हैं. दोनों के बीच लंबे समय से चली आ रही अनबन को बाबा की पार्टी ने ही सुलझाने में अहम भूमिका निभाई थी. इसी पार्टी में दोनों सितारों के बीच बातचीत शुरू हुई और उनके रिश्ते बेहतर हो गए.
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कौन थे बाबा सिद्दीकी?
बाबा सिद्दीकी, जिन्हें जियाउद्दीन सिद्दीकी के नाम से भी जाना जाता था, महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा नाम थे. वह 1977 में कांग्रेस से जुड़े और नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के सदस्य बने. इसके बाद उन्होंने क्षेत्रीय विकास के लिए कई काम किए, जिससे उनकी लोकप्रियता बढ़ी. उन्होंने अपने पिता अब्दुल रहीम सिद्दीकी के साथ घड़ी बनाने के काम में भी हाथ बंटाया, लेकिन जल्द ही राजनीति में अपने कद को बढ़ाते हुए मुंबई युवा कांग्रेस के महासचिव बने और कांग्रेस नेता सुनील दत्त के करीबी बन गए. सुनील दत्त से प्रेरित होकर ही उन्होंने अपनी इफ्तार पार्टी की शुरुआत की थी, जो आगे चलकर एक बड़ा आयोजन बन गया.
कैसे हुई हत्या?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना के दिन तीन लोग कार से उतरे और बाबा सिद्दीकी पर गोलियां चला दीं. गोली लगने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी. उनके निधन से महाराष्ट्र की राजनीति और बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई है.