ब्रिटेन ने भारत में की जितनी लूट, उतने में US-जापान जैसे बन जाते 5 देश…इस रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
प्रतीकात्मक तस्वीर
Oxfam Report: ब्रिटेन ने भारत से कितनी लूट की, इस बारे में जानकारी दुनिया भर की किताबों और रिपोर्ट्स में मिलती है, लेकिन ऑक्सफैम इंटरनेशनल की हालिया रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए हैं, वो किसी भी इंसान को चौंका सकते हैं. 1765 से लेकर 1900 तक, यानी 135 सालों के दौरान ब्रिटेन ने भारत से लगभग 65 ट्रिलियन डॉलर की राशि निकाली. ये वो रकम है, जिससे आज की दुनिया के पांच सबसे बड़े देशों की अर्थव्यवस्था बनाई जा सकती थी!
ऑक्सफैम इंटरनेशनल की ताज़ा रिपोर्ट ने इस लूट के आंकड़ों को इतनी शानदार तरीके से पेश किया है कि इसे पढ़कर आपको समझ में आएगा कि ब्रिटेन ने भारत से किस हद तक सोने और चांदी की लूट मचाई.
ब्रिटेन ने निकाले 64.80 ट्रिलियन डॉलर, पर कैसे?
ऑक्सफैम की रिपोर्ट के अनुसार, 1765 से 1900 तक, यानी 135 सालों के दौरान, ब्रिटेन ने भारत से कुल मिलाकर 64,820 अरब अमेरिकी डॉलर (64.80 ट्रिलियन डॉलर) की राशि निकाल ली. ये रकम इतनी बड़ी है कि आप इसे सोचने की कोशिश भी करें तो दिमाग चकरा जाए. अब सवाल उठता है कि इतनी बड़ी रकम आखिर कैसे निकाली गई?
सोने की लूट: औपनिवेशिक युग में ब्रिटेन ने भारत से अरबों डॉलर का सोना निकाला. भारतीय व्यापारियों से लेकर आम लोगों तक, सब से उनके खजाने छीन लिए गए.
कृषि और उद्योगों का शोषण: ब्रिटेन ने भारत में अपनी कंपनियों के जरिए कृषि और उद्योगों का शोषण किया. भारत की कृषि उत्पादों को सस्ते में ले जाकर उसे विदेशों में महंगे दामों पर बेचा गया.
करों का बोझ: ब्रिटेन ने भारत पर अत्यधिक करों का बोझ डाला, जिससे भारतीय जनता पूरी तरह से गरीबी में डूब गई और उस धन का पूरा फायदा ब्रिटिश साम्राज्य ने उठाया.
किसके पास गई यह बड़ी रकम?
यह आंकड़ा और भी हैरान करने वाला है जब हम यह समझते हैं कि यह रकम आखिर किसके पास गई. रिपोर्ट के मुताबिक, इस राशि में से 33.80 ट्रिलियन डॉलर उन 10 प्रतिशत सबसे अमीर ब्रिटिश नागरिकों के पास गए. ये वो लोग थे जिन्होंने औपनिवेशिक युग में भारत से न केवल धन कमाया, बल्कि पूरे साम्राज्य का नियंत्रण भी अपने हाथ में रखा. इस रकम से केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की आर्थिक धारा बदल गई थी.
यहां तक कि ऑक्सफैम ने यह भी बताया कि अगर लंदन के सतह को 50 पाउंड के नोटों से ढक दिया जाए तो यह रकम उन नोटों से चार गुना अधिक होगी! अब सोचिए, भारत से निकाले गए उस धन को अगर आज के समय में प्रयोग किया जाता तो देश की तस्वीर कितनी बदल जाती!
औपनिवेशिक लूट का प्रभाव
ब्रिटेन की इस लूट का असर केवल आर्थिक स्तर पर नहीं हुआ, बल्कि यह हमारे समाज और संस्कृति पर भी गहरा प्रभाव डाल गया. ऑक्सफैम ने रिपोर्ट में कहा है कि औपनिवेशिक काल में भारतीय समाज में जो असमानताएं फैलाई गईं, वे आज भी हमारे समाज में मौजूद हैं.
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भाषा का शोषण
ब्रिटेन ने अपनी भाषा को प्रचलित किया और भारत की लोक भाषाओं को नकार दिया. आज भी हमारे देश में 0.14 प्रतिशत मातृभाषाओं को ही शिक्षा के माध्यम के रूप में प्रयोग किया जाता है, जबकि 0.35 प्रतिशत भाषाओं को ही स्कूलों में पढ़ाया जाता है. ये आंकड़े इस बात को साबित करते हैं कि किस तरह से भारतीय संस्कृति और भाषाओं को नजरअंदाज किया गया.
जाति, धर्म और लिंग आधारित असमानता
ब्रिटेन ने औपनिवेशिक काल में जाति, धर्म, लिंग और अन्य विभाजन को और अधिक बढ़ावा दिया. इसने भारतीय समाज में पहले से मौजूद असमानताओं को और गहरा किया, और यह प्रभाव आज तक महसूस किया जा रहा है.
दुनिया की 5 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं भी कम पड़ जाएं!
क्या आपको पता है कि अगर ब्रिटेन ने भारत से जो लूट की है, उस रकम को लेकर आप आज की दुनिया की पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं बना सकते थे? जी हां, सही पढ़ा आपने!
ऑक्सफैम के मुताबिक, 64.80 ट्रिलियन डॉलर से दुनिया की पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को खड़ा किया जा सकता था. और इनमें वह देश भी शामिल हैं, जो आज आर्थिक रूप से सबसे ताकतवर हैं: अमेरिका, चीन, जापान, जर्मनी और भारत.
- अमेरिका की जीडीपी: 30.33 ट्रिलियन डॉलर
- चीन की जीडीपी: 19.53 ट्रिलियन डॉलर
- जापान की जीडीपी: 4.40 ट्रिलियन डॉलर
- जर्मनी की जीडीपी: 4.92 ट्रिलियन डॉलर
- भारत की जीडीपी: 4.27 ट्रिलियन डॉलर
इन पांच देशों की कुल जीडीपी मिलाकर 63.46 ट्रिलियन डॉलर होती है, जो ब्रिटेन द्वारा भारत से लूटी गई रकम से भी कम है. अब आप समझ सकते हैं कि उस वक्त ब्रिटेन ने भारत से कितनी बर्बर लूट मचाई होगी, और इसका आज के वक्त पर क्या प्रभाव पड़ा है.
इस रिपोर्ट को देखकर यह तो तय है कि इतिहास में ऐसी लूट को कभी भुलाया नहीं जा सकता. और यह हमें याद दिलाती है कि आज भी अगर हम इस लूट के परिणामों को समझें, तो हम बेहतर भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकते हैं.