डेज ऑफ रिपेंटेंस: इजरायल का वो ऑपरेशन, जिसने उड़ा दी ईरान की नींद

ईरान के एयरफोर्स ने इस हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि इजरायली हमले में तेहरान और अन्य शहरों में कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया.
Israel Iran War

Israel Iran War: शनिवार तड़के इजरायल ने एक बड़े सैन्य ऑपरेशन के तहत ईरान के कई सैन्य ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमला किया. इस ऑपरेशन का नाम ‘डेज ऑफ रिपेंटेंस’ (पश्चाताप के दिन) रखा गया था, और इसमें 100 से अधिक फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया गया. इस हमले ने न केवल ईरान की नींद उड़ाई है, बल्कि पूरे मध्य पूर्व में एक बार फिर से तनाव को बढ़ा दिया है.

एफ-35 फाइटर जेट्स से किया गया हमला

इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने बताया कि इस हमले में एफ-35 फाइटर जेट्स और जासूसी विमानों का इस्तेमाल किया गया. हमले के दौरान, इजरायली वायुसेना ने ईरान के चार प्रमुख शहरों को निशाना बनाया, जिसमें बमबारी की गई. IDF ने कहा, “हमने अपना मिशन पूरा किया है. इजरायल पर हमले की कीमत चुकानी पड़ेगी.”

इस सैन्य कार्रवाई को ईरान की ओर से एक अक्टूबर को किए गए रॉकेट हमले का प्रतिशोध माना जा रहा है. उस दिन, ईरान ने हिजबल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत का बदला लेने के लिए इजरायल पर करीब 200 रॉकेट दागे थे. इस हमले ने इजरायल को अपनी सैन्य स्थिति पर दोबारा विचार करने पर मजबूर कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप यह ताजा हमला हुआ.

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IDF की चेतावनी

IDF प्रवक्ता डैनियल हगारी ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि अगर ईरान ने नए सिरे से संघर्ष शुरू किया, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे. उन्होंने कहा, “हम गाजा और लेबनान में युद्ध पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे, लेकिन ईरान ने इस क्षेत्र में युद्ध को बढ़ावा दिया है. अब हमें इजरायल में भी कार्रवाई करने की पूरी आज़ादी है.

ईरान की प्रतिक्रिया

ईरान के एयरफोर्स ने इस हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि इजरायली हमले में तेहरान और अन्य शहरों में कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया. ईरानी अधिकारियों ने हमले में हुए नुकसान के बारे में जानकारी दी है, लेकिन विस्तृत आंकड़े अभी तक सामने नहीं आए हैं.

आगे की स्थिति

इस हमले ने न केवल इजरायल और ईरान के बीच तनाव को बढ़ाया है, बल्कि यह मध्य पूर्व में एक नए संघर्ष की शुरुआत का संकेत भी दे सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि स्थिति बहुत नाजुक है, और अगर दोनों पक्षों के बीच बातचीत नहीं हुई, तो इसका परिणाम और भी गंभीर हो सकता है. क्या यह संघर्ष और बढ़ेगा? इस स्थिति पर नजर रखने के लिए हमारे साथ बने रहें और हम आपको सबसे ताज़ा अपडेट्स देते रहेंगे.

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