कहीं महंगा न पड़ जाए बारिश में मछली-चावल का ये कॉम्बिनेशन! कैंसर जैसी घातक बीमारियों की वजह बन सकती है ‘मांगुर फिश’
थाई मांगुर मछली
Mangur Fish (वेदांत शर्मा, कवर्धा): झमाझम बारिश के दौरान लोगों को मछली और चावल का कॉम्बिनेशन खाना बेहद पसंद है. इस मौसम में मछली के शौकीनों की तो बल्ले-बल्ले हो जाती है. यहां तक की मछली खाने के शौकीनों की डेली डाइट में भी ‘फिश’ शामिल हो जाती है. लेकिन बारिश फिश खाते समय एक गलती आपको भारी पड़ सकती है. भारत में थाई मांगुर मछली बैन है, जो कैंसर जैसी घातक बीमारियों की वजह बन सकती है. बैन होने के बावजूद छत्तीसगढ़ में विभाग ने थाई मांगुर मछली से भरा एक पिकअप जब्त किया है.
छत्तीसगढ़ में बैन मांगुर मछली से भरा पिकअप वाहन जब्त
छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में मत्स्य विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस विभाग की संयुक्त टिम ने बड़ी कार्रवाई की. यहां 4.50 क्विंटल प्रतिबंधित थाईलैंड की मांगुर मछली से भरे पिकअप वाहन को पकड़ा गया है. जानकारी के मुताबिक पिकअप वाहन पोड़ी चौकी क्षेत्र के सारंगपुर चौबट्टा चौक से पकड़ा गया है, जो खैरागढ़ से पांडातराई जा रहा था. यहां बाजार में भारत में बैन मांगुर मछली को बेचने की तैयारी की जा रही थी. संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए JCB से बड़ा गड्ढा खोदवाकर 4.50 क्विंटल मछली का बोडला के हेचरी में नष्टीकरण किया. मछली की बाजार की अनुमानित कीमत 4.50 लाख रुपए बताई जा रही है.
भारत में मांगुर मछली बैन
भारत में ‘मांगुर मछली’ पर 2000 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) और पर्यावरण मंत्रालय द्वारा प्रतिबंध लगाया गया था. दरअसल, मांगुर मछली गंदे पानी, नालों और दूषित क्षेत्रों में पनपती है. गंदे पानी में यह मछली सड़े-गले पदार्थ, मल-मूत्र और रासायनिक कचरे को खाती है. इस कारण यह कैंसर जैसी कई घातक बीमारियों का कारण बन सकती है.
भारत में इसके पालन और व्यापार पर प्रतिबंध के बावजूद, कुछ क्षेत्रों में इसे सस्ते प्रोटीन स्रोत के रूप में अवैध रूप से पाला और बेचा जाता है, जिससे स्वास्थ्य और पर्यावरणीय जोखिम बढ़ता है.
मांगुर मछली खाने के नुकसान
कैंसर का खतरा: मांगुर मछली, विशेष रूप से थाई मांगुर, गंदे पानी और दलदली क्षेत्रों में पनपती है, जहां यह सड़े-गले पदार्थ और दूषित आहार खाती है. इसमें लेड, मरकरी, और अन्य भारी धातुओं की मात्रा अधिक पाई जाती है, जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं. कई शोधों में इसे कैंसर के खतरे से जोड़ा गया है.
डायबिटीज और अन्य बीमारियां: मांगुर मछली में मौजूद विषाक्त पदार्थ और भारी धातुएं डायबिटीज, गठिया, और अन्य अनुवांशिक रोगों का खतरा बढ़ा सकती हैं. यह मछली वैक्टर-जनित रोगों (जैसे वायरल बुखार) को भी फैला सकती है.
तंत्रिका तंत्र पर असर: इस मछली में पाए जाने वाले मरकरी और पीसीबी जैसे रसायन तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं. गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए इसका सेवन विशेष रूप से हानिकारक है, क्योंकि यह भ्रूण और बच्चों के तंत्रिका तंत्र के विकास को प्रभावित कर सकता है, जिससे मानसिक और शारीरिक विकास में बाधा आ सकती है.
पाचन संबंधी समस्याएं: मांगुर मछली का सेवन करने से पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे दस्त, उल्टी, और बदहजमी हो सकती हैं, क्योंकि यह दूषित वातावरण में पनपती है और हानिकारक रसायनों को अवशोषित करती है.