धार्मिक पर्यटन के लिए बेस्ट है Madhya Pradesh, इन मंदिरों में आपको मिलेगी शांति और सुकून

देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन में स्थित बाबा महाकाल का ज्योतिर्लिंग मंदिर मध्यप्रदेश का सबसे प्रसिद्ध मंदिर माना जाता है. यहां सुबह पाँच बजे होने वाली भस्म आरती पूरी दुनिया में फेमस है.
Madhya Pradesh

महाकाल मंदिर

Religious Tourist Places in MP: देश के दिल मध्यप्रदेश का धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व है. प्रदेश के कई शहर धार्मिक आस्था के प्रमुख केंद्र के रूप में जाने जाते हैं. इसलिए धार्मिक लिहाज से मध्यप्रदेश का देश में खास महत्व है. आज हम आपको मध्यप्रदेश के कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताएंगे, जहां घूमने के साथ-साथ आपको पर्यटन का भी आनंद मिलेगा.

उज्जैन महाकाल मंदिर

देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन में स्थित बाबा महाकाल का ज्योतिर्लिंग मंदिर मध्यप्रदेश का सबसे प्रसिद्ध मंदिर माना जाता है. यहां सुबह पाँच बजे होने वाली भस्म आरती पूरी दुनिया में फेमस है. बाबा महाकाल की महिमा की वजह से उज्जैन को बाबा महाकाल की नगरी के नाम से भी जाना जाता है. सावन के महीने में यहां बाबा महाकाल की शाही सवारियां भी निकाली जाती हैं, जो आकर्षण का बड़ा केंद्र होती हैं. ऐसे में अगर आप किसी मंदिर में घूमने की योजना बना रहे हैं, तो आपके लिए उज्जैन में स्थित बाबा महाकाल मंदिर एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है. उज्जैन आप सड़क, रेल और वायु तीनों मार्गों से पहुंच सकते हैं.

ओंकारेश्वर मंदिर (खंडवा)

खंडवा जिले में स्थित ओंकारेश्वर मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. यह मंदिर मध्य प्रदेश की प्रसिद्ध पवित्र नदी मां नर्मदा के किनारे स्थित है, जहां सालभर भक्तों की भारी भीड़ जुटती है. कहा जाता है कि ओंकारेश्वर ओम पर्वत पर बसा हुआ है. जब इसे आप दूर से देखते हैं, तो यह ओम आकार का नजर आता है. ऐसे में अगर आप घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो नर्मदा के सौंदर्य के साथ-साथ आपको प्रसिद्ध भगवान ओंकारेश्वर के दर्शन भी होंगे.

मैहर शारदा भवानी (सतना)

मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्थित मैहर माता मंदिर प्रसिद्ध देवी स्थान होने के साथ-साथ खूबसूरत पर्यटन स्थल भी है. मैहर देवी मंदिर देवी पार्वती के 51 शक्तिपीठों में से एक है. ऐसा माना जाता है कि जब शिव जी माता सती का मृत शरीर ले जा रहे थे, तब उनका हार इस जगह पर गिर गया था और इसलिए इस जगह का नाम मैहर यानी (माई का हार) पड़ गया.

खास बात यह है कि यह मंदिर त्रिकूट पहाड़ी के ऊपर बना हुआ है, जहां तक पहुंचने के लिए भक्तों को 1063 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं. हालांकि अब यहां रोपवे की सुविधा भी शुरू हो गई है, जबकि ऊपर तक वाहन भी पहुंच सकते हैं. चारों ओर पहाड़ों से घिरा यह मंदिर एक खूबसूरत पर्यटन स्थल भी है, ऐसे में यहां एक बार जरूर घूमने जाना चाहिए.

ओरछा का राजाराम मंदिर (निवाड़ी)

निवाड़ी जिले में स्थित ओरछा शहर मध्य प्रदेश का न केवल एक बड़ा पर्यटन केंद्र बल्कि यहां प्रसिद्ध रामराजा मंदिर भी है. रामराजा मंदिर की खासियत यह है कि यहां भगवान श्रीराम राजा के रूप में विराजे हैं, जहां उनको शस्त्र सलामी भी दी जाती है. ओरछा के राजा केवल राम हैं, इसलिए यहां कोई भी बड़ा नेता या अधिकारी बिल्कुल सरल तरीके से अपना पद छोड़कर आता है.

ओरछा बेतवा नदी के किनारे बसा है, ओरछा में हर साल ओरछा महोत्सव का आयोजन भी होता है, जिसमें देश-विदेश के लोग जुटते हैं. इसके अलावा यहां आपको बुंदेलखंड की संस्कृति भी देखने को मिलेगी. इसलिए आप अगर कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो ओरछा आपके लिए अच्छा ऑप्शन हो सकता है.

यह भी पढ़ें: क्रिसमस और न्यू ईयर पर ऐसे बनाएं Cake, लोग पूछने लगेंगे रेसिपी

पीतांबरा मंदिर (दतिया)

मध्य प्रदेश के दतिया जिले में स्थित पीतांबरा मंदिर पूरे देश में फेमस है, यहां विराजमान माता बंगुलामुखी को राजसत्ता की देवी भी कहा जाता है. देश के लगभग सभी बड़े राजनेता एक बार इस मंदिर में माथा टेकने जरूर आते हैं. वैसे तो माता के इस दरबार में सभी प्रकार के लोग आते हैं, लेकिन राजनीति से जुड़े लोग विशेष रूप से इस मंदिर से जुड़े हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इस देवी को ‘सत्ता की देवी’ भी कहा जाता है. लेकिन यहां एक बार सबको जरूर जाना चाहिए, क्योंकि मान्यता है कि यहां माथा टेकने के बाद इंसान की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं.

ज़रूर पढ़ें