Healthy Lifestyle: जानें दाल भिगोने का सही समय, मिलेगी ब्लोटिंग और गैस से राहत
भीगी हुई दाल के फायदे
Soaked Dal Benefits: दाल भारतीय भोजन का अहम हिस्सा है, लेकिन कई बार इसे खाने से ब्लोटिंग या गैस की समस्या हो सकती है. इसका मुख्य कारण दाल में मौजूद जटिल कार्बोहाइड्रेट्स और फाइबर हैं, जो पाचन को प्रभावित कर सकते हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, दाल को सही समय तक भिगोने से इस समस्या को कम किया जा सकता है.
दाल भिगोने का महत्व
दाल में फाइटिक एसिड और ऑलिगोसैकेराइड्स जैसे तत्व होते हैं, जो पाचन को मुश्किल बना सकते हैं और गैस या ब्लोटिंग का कारण बनते हैं. भिगोने से ये तत्व टूटते हैं, जिससे दाल आसानी से पचने योग्य हो जाती है. साथ ही, भिगोने से दाल का पोषण भी बेहतर अवशोषित होता है.
विभिन्न दालों को भिगोने का समय
हर दाल की संरचना अलग होती है, इसलिए भिगोने का समय भी अलग-अलग होता है. नीचे प्रमुख दालों और उनके भिगोने के समय की जानकारी दी गई है:
- अरहर/तूर दाल का भिगोने का समय: 2-4 घंटे
क्यों: अरहर दाल में फाइबर और प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है. इसे 2-4 घंटे भिगोने से यह नरम हो जाती है और पाचन आसान होता है.
- मूंग दाल को भिगोने का समय: 1-2 घंटे (छिलके वाली मूंग के लिए 4-6 घंटे)
क्यों: मूंग दाल हल्की और आसानी से पचने वाली होती है, लेकिन छिलके वाली मूंग में फाइबर अधिक होता है, जिसके लिए ज्यादा समय चाहिए.
- चना दाल को भिगोने का समय: 4-6 घंटे
क्यों: चना दाल सख्त होती है और इसमें ऑलिगोसैकेराइड्स अधिक होते हैं, जो गैस का कारण बन सकते हैं. लंबे समय तक भिगोने से यह नरम हो जाती है.
- उड़द दाल को भिगोने का समय: 6-8 घंटे
क्यों: उड़द दाल भारी होती है और इसे पचाने में समय लगता है. इसे रातभर भिगोना सबसे अच्छा है, खासकर डोसा या इडली के लिए.
- मसूर दाल को भिगोने का समय: 30 मिनट से 1 घंटा
क्यों: मसूर दाल सबसे हल्की दालों में से एक है और इसे कम समय में भिगोया जा सकता है. यह जल्दी पचती है.
- राजमा और छोले को भिगोने का समय: 8-12 घंटे (रातभर)
क्यों: राजमा और छोले में जटिल कार्बोहाइड्रेट्स और प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन को धीमा कर सकती है. लंबे समय तक भिगोने से ये नरम हो जाते हैं.
भिगोने के सही तरीके
- साफ पानी का उपयोग: हमेशा साफ और ताजा पानी में दाल भिगोएं.
- उचित तापमान: गुनगुना पानी भिगोने की प्रक्रिया को तेज करता है.
- पानी बदलें: भिगोने के बाद दाल को धोकर नया पानी डालें, ताकि फाइटिक एसिड और अन्य तत्व निकल जाएं.
- नमक का उपयोग: हल्का नमक डालने से दाल जल्दी नरम होती है.
यह भी पढ़ें: वोटर अधिकार यात्रा में अखिलेश यादव की एंट्री, क्या है राहुल-तेजस्वी का ‘गेम-प्लान’?
ब्लोटिंग और गैस से बचने के उपाए
- मसाले डालें: जीरा, हींग, अदरक, और लहसुन जैसे मसाले दाल में डालने से पाचन बेहतर होता है और गैस की समस्या कम होती है.
- छोटे हिस्से खाएं: एक बार में ज्यादा दाल खाने से बचें.
- पकाने का तरीका: दाल को अच्छे से पकाएं, अधपकी दाल पचने में मुश्किल होती है.
- पानी का सेवन: दाल खाने के बाद पर्याप्त पानी पिएं, ताकि फाइबर आसानी से पच सके.
(नोट: कोई भी उपाय करने से पहले एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें)