“भाजपा दोबारा आ गई तो पहले इलाज तुम्हारा और मेरा होगा”, इमरान मसूद के बयान के खिलाफ चुनाव आयोग पहुंची BJP
Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद के खिलाफ बीजेपी ने चुनाव आयोग से शिकायत की है. एक एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस उम्मीदवार ने कहा था कि अगर भाजपा सरकार में दोबारा आ गई तो सबसे पहले इलाज तुम्हारा और मेरा होना है, याद रखना. इमरान मसूद के इस बयान का वीडिया वायरल होते ही भाजपा के लखनऊ मुख्यालय द्वारा इमरान के बयान को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत किया गया है.
अपने चुनाव प्रचार के दौरान एक सभा में बोलते हुए इमरान मसूद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल गया. इस वायरल वीडियो में वह बोल रहे हैं कि मैं सिर्फ इतनी बात कह रहा हूं कि यह चुनाव इमरान को जिताने हराने का नहीं है, यह चुनाव अपने आप को बचाने का है. उन्होंने आगे कहा कि जितनी मजबूत आवाजें हैं, सारी खामोश ऐसे ही नहीं की जा रहीं, कोई बोलने वाला न बचे, ऐसी साजिश हो रही है.
भाजपा ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र
इमरान मसूद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो भाजपा के लखनऊ मुख्यालय ने इमरान के बयान को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत की. शिकायत दर्ज कराते हुए भाजपा ने पत्र में लिखा है कि सहारनपुर कांग्रेस के प्रत्याशी इमरान मसूद ने अपनी जनसभा में वर्ग विशेष को भड़काया है. इमरान मसूद एक वर्ग विशेष में डर का माहौल पैदा कर उन्हें अन्य वर्ग से लड़वाने के लिए उत्तेजित कर रहे हैं. हिंसा के द्वारा चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं, जो कि आदर्श आचार संहिता का घोर उल्लंघन है.
वायरल वीडियो पर इमरान मसूद ने दी सफाई
वायरल वीडियो में उनके द्वारा दिए गए बयान को लेकर इमरान मसूद ने कहा कि अरे भाई डर लगता है यार, अब डरना भी मना हो गया क्या देश के अंदर. इन्होंने मार मार के सबका भुस भर दिया. मुख्यमंत्री को उठाकर यह बंद कर देते हैं तो डरना भी मना हो गया क्या. डर निकाल दो, हम तो चाह रहे भाई कि तुम डर निकाल दो, हमें डर न रहे. हमें डर लग रहा है. भाजपा द्वारा चुनाव आयोग से की गई शिकायत पर इमरान ने कहा कि भाजपा के पास कोई रास्ता नहीं है. उल्टी सीधी हरकतों पर उतर आए हैं.
सहारनपुर से भाजपा ने किसे उतारा?
बताते चलें की यूपी के सहारनपुर से इंडिया गठबंधन ने इमरान मसूद को उम्मीदवार बनाया है. वहीं बीजेपी ने राघवलखन पाल को मैदान में उतारा है. सहारनपुर लोकसभा सीट का सफर बहुत दिलचस्प रहा है. यह सीट कई मायनों में सभी राजनीतिक दलों के लिए अहम मानी जाती है. सहारनपुर सीट पर सबसे पहला लोकसभा चुनाव 1952 में हुआ था और तभी से यह सीट कांग्रेस का गढ़ बन गई.