Lok Sabha Election 2024: कौन हैं रुचि वीरा? जिनके चलते सपा ने मौजूदा सांसद एसटी हसन से वापस लिया टिकट

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के बीच पिछले कुछ घंटों में यूपी के मुराबाद में सियासी हलचल बढ़ गई है. अखिलेश यादव की पार्टी सपा ने 24 घंटे में दो टिकट जारी कर पार्टी के अंदर ही विरोध और नाराजगी को बढ़ा दिया है.
Lok Sabha Election 2024

रुचि वीरा (सपा प्रत्याशी, मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र)

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के बीच पिछले कुछ घंटों में यूपी के मुराबाद में सियासी हलचल बढ़ गई है. अखिलेश यादव की पार्टी सपा ने 24 घंटे में दो टिकट जारी कर पार्टी के अंदर ही विरोध और नाराजगी को बढ़ा दिया है. पार्टी ने पहले यहां से मौजूदा सांसद एसटी हसन को उम्मीदवार बनाया. उन्होंने मंगलवार को नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया. इसके बाद सपा ने अचानक हसन का टिकट काटकर रुचि वीरा को नए उम्मीदवार के रूप में घोषित कर दिया. बुधवार के दिन ही रुचि वीरा ने अपना नामांकन पर्चा भर दिया. कुछ ही घंटों में पार्ट एक सीट पर उम्मीदवारों के फेरबदल की घटनाक्रम से मुरादाबाद में दिनभर उथल-पुथल देखने को मिली. इसके बाद से लोग ये जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर कौन हैं रुचि वीरा? जिसके लिए सपा ने मौजूदा सांसद का टिकट काट दिया.

2 सितंबर 1961 को जन्मी रुचि वीरी मूलरूप से बिजनौर की निवासी हैं. समाजवादी पार्टी के जरिए उन्होंने राजनीति में पदार्पण किया था. इसके बाद वह बिजनौर से विधायक चुनी गईं. रुचि वीरा के पास 25 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपति है. 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जो शपथ पत्र दाखिल किया था, उसमें करीब 25 करोड़ 86 लाख रुपये की संपत्ति का ब्यौरा दिया था.

उपचुनाव में जीतकर पहली बार बनी विधायक 

बताते चलें कि साल 2014 में बिजनौर सीट से विधायक कुंवर भारतेंद्र सिंह को लोकसभा चुनाव में मिली जीत के बाद यह खाली हो गई. इसके बाद यहां हुए उपचुनाव में बिजनौर से रुचि वीरा ने जीत दर्ज की और पहली बार विधायक बन गईं. वे 2017 तक एमएलए रहीं. उसके बाद पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते सपा ने बाहर कर दिया. उसके बाद उन्‍होंने बसपा जॉइन कर ली. 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने रुचि को बिजनौर से प्रत्‍याशी बनाया. हालांकि उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा. 2023 में बसपा ने भी रुचि वीरा को पार्टी से निष्कासित कर दिया. बाद में सपा में उनकी घर वापसी हुई.

पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप

रुचि वीरा को सपा और बसपा दोनों ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निष्कासित किया है. कहा जाता है कि बसपा से निष्कासित होने के बाद सपा में उनकी एंट्री वरिष्ठ नेता आजम खान की पैरवी के बाद हो पाई थी. उनकी गिनती अब आजम खान के करीबी नेताओं में होने लगी. लोकसभा चुनाव में भी रुचि वीरा को आजम खान का पसंदीदा बताया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, मुरादाबाद से मौजूदा सांसद एसटी हसन को नामांकन के बाद अपनी उम्मीदवारी वापस लेनी पड़ी है. आजम खान ने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर मुरादाबाद से एसटी हसन को हटाकर रुचि वीरा को टिकट देने का दबाव बनाया था. अखिलेश यादव ज्यादा देर तक आजम खान का दबाव नहीं झेल पाए. मंगलवार रात होते-होते उन्होंने एसटी हसन का टिकट काट दिया. आजम खान की चहेती पूर्व विधायक रुचि वीरा को मुरादाबाद से लोकसभा का टिकट दे दिया.

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