Lok Sabha Election: बलिया में वोटिंग से पहले सपा को बड़ा झटका, नारद राय बीजेपी में हुए शामिल

Lok Sabha Election 2024: सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे पूर्व मंत्री नारद राय ने समाजवादी पार्टी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का हाथ थाम लिया है.
Lok Sabha Election 2024

भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करते नारद राय

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के सातवें और आखिरी चरण में उत्तर प्रदेश के बलिया सीट पर 1 जून को मतदान होना है. लेकिन, इससे ठीक पहले पूर्वांचल में अखिलेश यादव को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे पूर्व मंत्री नारद राय ने समाजवादी पार्टी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का हाथ थाम लिया है. बलिया की सियासत में अच्छी पकड़ रखने वाले नारद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से के मौजूदगी पर एक चुनावी सभा के दौरान भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली.

भाजपा में शामिल होने की जानकारी देते हुए नारद राय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘मां भारती के सपूत, भारत को हर शिखर पर गौरवान्वित करने वाले देश के यशस्वी गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा बलिया के उम्मीदवार भाई नीरज शेखर के पक्ष में जनसभा दौरान उनका आशीर्वाद लेते हुए, संपूर्ण विश्व में सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करके संकल्प लिया हूं की प्रधानमंत्री मोदी के दिए गए नारे “400 पार” में लोकसभा बलिया भी प्रचंड बहुमत से रहेगा.

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“अब पूरी ताकत BJP के लिए लगाएंगे”

बीते दिनों अमित शाह से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए नारद राय ने सपा प्रमुख पर कई गंभीर आरोप लगाए. इस दौरान उन्होंने कहा कि 2017 में मेरा टिकट अखिलेश यादव ने ही काटा. इसके बाद 2022 में पार्टी ने टिकट तो दिया लेकिन इसके सथ ही मेरी हार का इंतजाम भी कर दिया. लोकसभा चुनाव को लेकर दो दिन पहले बलिया में हुए अखिलेश की रैली का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मंच पर भी मुझे बेइज्जत किया गया. अखिलेश यादव ने मंच से मेरा नाम तक नहीं लिया. नारद राय ने अमित शाह से मुलाकात के बाद कहा कि अब अपनी पूरी ताकत बीजेपी के लिए लगाएंगे. उन्होंने कहा कि जितना हो सकेगा, उतनी ताकत से बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करेंगे.

पहले भी छोड़ चुके हैं सपा का साथ

बताते चलें कि नारद राय बलिया सदर विधानसभा सीट से पूर्व में विधायक और उत्तर प्रदेश की सपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं. बलिया के बड़े भूमिहार नेताओं की लिस्ट में इनका नाम शामिल हैं. ये कोई पहला मौका नहीं है जब नारद का सपा से मोहभंग हुआ हो. खुद को जनेश्वर मिश्रा का शिष्य, राजनारायण की परंपरा का राजनेता बताने वाले नारद राय ने 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भी पार्टी छोड़ी थी. नारद ने तब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) जॉइन की थी. नारद बसपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे लेकिन बीजेपी के आनंद स्वरूप शुक्ल से हार गए.

2022 विधानसभा चुनाव से पहले हुई वापसी

नारद राय 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले सपा में लौट आए थे. 2022 के चुनाव में वह सपा के टिकट पर मैदान में उतरे. इस बार भी नारद को जीत नसीब नहीं हुई. नारद को बीजेपी के दयाशंकर सिंह ने हरा दिया. लोकसभा चुनाव में भी वह सपा से टिकट के दावेदार थे लेकिन पार्टी ने 2019 के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार वीरेंद्र सिंह मस्त को कड़ी टक्कर देने वाले सनातन पाण्डेय पर भरोसा जताया.

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