Lok Sabha Election 2024: 92 साल की उम्र में पहली बार वोट डालेंगे खलील अंसारी, जानें अब तक क्यों नहीं कर पाए थे मतदान
Lok Sabha Election 2024: झारखंड के साहिबगंज जिले के 92 वर्षीय खलील अंसारी अपने जीवन में पहली बार देश की 18वीं लोकसभा के लिए हो रहे चुनाव में वोट डालेंगे. हैरानी की बात है कि उम्र के 9 दशक बीत जाने के बावजूद वोटर लिस्ट में अब तक उनका नाम नहीं जुड़ पाया था. झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार के निर्देश पर उनका नाम वोटर लिस्ट में जोड़ा जा रहा है. 92 साल के खलील अंसारी दिव्यांग हैं और झारखंड के साहिबगंज जिले में आने से पहले वह बिहार के पूर्णिया जिले में रहते थे.
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार शुक्रवार को दिव्यांग खलील के घर पहुंचकर उनका नाम मतदाता सूची में जुड़वाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया है. बता दें कि शुक्रवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार साहिबगंज के दौरे पर आए थे. उन्होंने दुर्गम क्षेत्र के गांवों में जाकर वरिष्ठ और दिव्यांग मतदाताओं से बात की. उन्हें मिलने वाली सुविधाओं को जाना. इसी दौरान मोहम्मद खलील का मामला उनके सामने आया.
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मतदान केंद्रों के निरीक्षण के लिए पहुंचे थे निर्वाचन पदाधिकारी
साहिबगंज जिला के दुर्गम क्षेत्र के मतदान केंद्रों पर न्यूनतम सुविधाओं का जायजा लेने के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी झारखंड के रवि कुमार दौरे पर निकले थे. उनके साथ जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-उपायुक्त हेमंत सती ने शुक्रवार को साहेबगंज जिला के मंडरो प्रखंड के दुर्गम क्षेत्र में बने मतदान केंद्रों का औचक निरीक्षण किया. इसके साथ ही गांवों में जाकर वरिष्ठ और दिव्यांग मतदाताओं से मुलाकात की.
पहले बिहार में रहते थे खलील अंसारी
इसी दौरान मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बड़खोरी गांव के रहने वाले करीब 92 साल के वरिष्ठ और दिव्यांग नागरिक खलील अंसारी से बात की. मतदाता सूची में उनका नाम होने की जानकारी ली. खलील अंसारी के ने बताया कि पहले वह बिहार के पूर्णिया जिले में रहते थे. मगर, अब साहिबगंज जिले के मंडरो प्रखंड अंतर्गत बड़खोरी में रह रहे हैं. खलील ने मतदाता सूची में नाम नहीं होने के कारण कभी भी अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किए जाने की जानकारी दी.
इस पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने खलील का नाम मतदाता सूची में जोड़ने की प्रक्रिया तत्काल करने का निदेश दिया. उन्होंने अन्य वरिष्ठ मतदाताओं से मिलकर उनके लिए मतदान केंद्र पर उपलब्ध न्यूनतम सुविधा और अन्य व्यवस्थाओं को जाना.