MP News: बीजेपी के प्रचार से सिंधिया समर्थक नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बनाई दूरी, कांग्रेस का तंज- ‘महाराज भाजपा’ के बीच गुटबाजी हावी
भोपाल: मध्य प्रदेश की राजनीति हो या फिर ग्वालियर चंबल अंचल की सियासत सिंधिया परिवार की सियासी शैली एक एकदम अलग ही रही है वे किसी भी पार्टी में रहे हो, लेकिन सिंधिया परिवार के अपने समर्थकों का आकर्षक और जन समर्थन सदा ही पार्टी से अलग यानी महल के प्रति रहता है. यह सिलसिला राजमाता विजया राजे सिंधिया से शुरू होकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया तक जारी है. भले ही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भारतीय जनता पार्टी में आ गए हो, लेकिन उनकी और उनके समर्थकों की कार्य शैली पहले कैसे ही बनी हुई है इसके कारण भाजपा में मूल कार्यकर्ताओं के साथ उनके समर्थकों की दूरी इस चुनाव में भी साफ नजर आ रही है.
सिंधिया समर्थक नेता और कार्यकर्ताओं में नही चढ़ा पार्टी का रंग
दरअसल केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस से आए हुए 4 साल हो चुके हैं और वह पूरी तरह से पार्टी के रंग में रंग चुके है, लेकिन उनके समर्थक नेता और कार्यकर्ताओं में पार्टी का रंग अभी चढ़ा नहीं है. यही कारण है कि वह पार्टी से ज्यादा अपने महाराज यानी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को मानते हैं और उन्हीं के इशारे पर काम करते हैं. ऐसा ही नजर इस लोकसभा के चुनाव में देखने को मिल रहा है जहां महाराज भाजपा और नाराज भाजपा की तस्वीर सामने आ रही है. बीजेपी के प्रचार प्रसार में सिंधिया समर्थक नेता और कार्यकर्ताओं ने दूरी बना लिए है और वह पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में दिखाई नहीं दे रहे हैं और इसका कारण साफ है. कि जहां उनके महाराज होते हैं वहीं उनके समर्थक और कार्यकर्ता मौजूद दिखाई देते हैं.
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अबकी बार लोकसभा चुनाव में सबको लगा था कि ग्वालियर लोकसभा सीट से केंद्र मंत्री ज्योति सिंधिया चुनाव लड़ेंगे और यही कारण है कि उनके समर्थक नेता और कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह भी देखने को मिल रहा था लेकिन जब बीजेपी ने टिकटों की घोषणा की तो केंद्रीय मंत्री ज्योति सिंधिया को ग्वालियर की बजाय गुना से पुलिस संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार बना दिया. टिकट की घोषणा ग्वालियर के सिंधिया समर्थक नेता और कार्यकर्ताओं में मायूसी छाई हुई है. हालात यह है कि सिंधिया समर्थक नेता और कार्यकर्ता पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले रहे हैं इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि 4 साल बीत जाने के बाद भी बीजेपी की मूल कार्यकर्ताओं और सिंधिया समर्थक कार्यकर्ताओं के बीच अभी सामंजस नहीं बैठ पाया है और यही कारण है कि यह सभी कार्यकर्ता अपने महाराज की कार्यक्रम में ही दिखाई देते हैं.
गुना शिवपुरी लोकसभा की तैयारी में जुटे समर्थक
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने गुना शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र में सक्रिय है इसी के चलते उनके समर्थक नेता और कार्यकर्ता भी अपनी संसदीय क्षेत्र ग्वालियर मुरैना को छोड़कर महाराज के लोकसभा क्षेत्र में जाने की तैयारी कर चुके हैं उनका कहना है कि जहां महाराज वहां उनके कार्यकर्ता महाराज के आदेश का इंतजार है जब उनका आदेश आ जाएगा तो उसके बाद हम उनके लिए प्रचार प्रसार में जुट जाएंगे. ऐसी ही तस्वीर 2019 के लोकसभा चुनाव में भी देखी गई, जब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के टिकट पर वहां से चुनाव लड़े, उस दौरान मुरैना और ग्वालियर से हजारों की संख्या में उनके समर्थक कार्यकर्ता डटे रहे.
लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रचार प्रसार के दौरान सिंधिया समर्थन की मौजूदगी के न होने पर बीजेपी नेता कमल माखिजानी का कहना है कि ”एक दो घटनाएं ऐसी हो जाती है लेकिन सब कार्यकर्ता एक है और पार्टी निर्देश देती है उसका सब पालन करते हैं। अपवाद के स्वरूप एक दो घटनाएं ऐसी सामने आ जाती है और भारतीय जनता पार्टी में जो कोई संगठन को समझता है वह संगठन का पालन करेगा.”
महाराज भाजपा के बीच गुटवाजी हावी: आरपी सिंह (कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष )
वही बीजेपी में चल रही गुटबाजी को लेकर कांग्रेस तंज कर रही है कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष आरपी सिंह का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी में जिस दिन से ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हुए है उस दिन से नाराज भाजपा महाराज भाजपा के बीच गुटवाजी हावी हो गई है. सिंधिया समर्थक नेता नहीं है बल्कि सारे के सारे चापलूस है, भारतीय जनता पार्टी क्यों स्वीकार करेगी और वह पार्टी को किस तरह का योगदान दे रहे हैं. वह सिर्फ सिंधिया के साथ रहते हैं और यह उनका सर्कस सजाने वाले लोग हैं जहां सिंधिया जाएंगे वहां ये लोग जायेगे.