NDA के सामने फेल हो रहा INDI अलायंस! एकजुटता पर क्यों बार-बार खड़े हो रहे सवाल?
Lok Sabha Election 2024: देश में लोकसभा चुनाव के लिए 4 चरणों का मतदान हो चुका है. इसी के साथ ही 380 पर मतदान भी संपन्न हो चुके हैं. अब सिर्फ 3 चरणों के लिए वोटिंग होनी बाकी है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(NDA) के दल 400 पार सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं. इस बीच ‘INDIA’ ब्लॉक के सामने नई समस्या खड़ी हो गई है. दरअसल, गठबंधन की एकजुटता को लेकर उठने लगे हैं.
NDA के मुकाबले ‘INDIA’ ब्लॉक की रैलियां भी हुई कम
दरअसल, पिछले एक साल से ‘INDIA’ ब्लॉक के नेता आपस में एकता का दावा कर रहे हैं लेकिन वह दल अभी तक NDA की तरह एकजुट दिख नहीं पाए हैं. एक ओर जहां पीएम मोदी की हर रैली में NDA के सभी बड़े चेहरे से लेकर स्थानीय नेता शामिल होते हैं. वहीं दूसरी ओर ‘INDIA’ ब्लॉक गठबंधन की साझा रैलियां इतनी कम हुई हैं कि उन्हें हथेलियों पर गिना जा सकता है. बता दें कि हाल में कन्नौज में अखिलेश यादव के समर्थन में आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह और राहुल गांधी ने प्रचार किया था, लेकिन वह सिर्फ एक अपवाद की तरह ही माना जा रहा है.
राहुल के नामांकन में भी नहीं दिखे ‘INDIA’ ब्लॉक के नेता
माना जा रहा था कि राहुल गांधी से चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन वह रायबरेली से चुनावी मैदान में उतर गए. वहीं राहुल के अमेठी से न लड़ने के चलते कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जोश ठंडा होने तक का दावा किया गया. वहीं अमेठी से कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा के नामांकन में राहुल गांधी जा सकते थे लेकिन राहुल क्या, उनके साथ गांधी परिवार का कोई नेता नहीं गया. वहीं कांग्रेस के पास रायबरेली में ‘INDIA’ ब्लॉक की एकता दिखाने का मौका था. राहुल गांधी के नामांकन के दौरान विपक्ष के नेताओं को शक्ति प्रदर्शन के लिए बुलाया जा सकता था लेकिन, ऐसा नहीं हुआ.
यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election: क्या INDIA ब्लॉक को मिल गया PM पद का चेहरा? राहुल गांधी को लेकर भूपेश बघेल ने दिया बड़ा बयान
अरविंद केजरीवाल ने भी राहुल के साथ नहीं किया मंच साझा
दूसरी ओर दिल्ली के मुख्यमंत्री को प्रवर्तन निदेशालय(Enforcement Directorate) ने दिल्ली शराब घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत गिरफ्तार किया था. अब उन्हें हाल में चुनाव प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है. अरविंद केजरीवाल को जेल से बाहर आए हफ्ता भर होने को है, लेकिन वह राहुल गांधी के साथ अभी एक बार भी नहीं दिखे हैं. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने तो लोकसभा चुनाव के पहले ही इससे दूरी बना ली थी और यह तक कह दिया था कि कांग्रेस को वह एक भी सीट नहीं देंगी और पार्टी 40 सीटें भी पूरे देश में मुश्किल से नहीं जीत पाएगी.