जदयू के दो मंत्रियों के बच्चों के बीच समस्तीपुर में मुकाबला, जानें क्या कहता है सियासी समीकरण
Lok Sabha Election 2024: बिहार का समस्तीपुर दशकों से राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र रहा है. प्रसिद्ध राम रथ यात्रा के दौरान भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी की लालू यादव के आदेश पर गिरफ्तारी इसी जिले में हुई थी. यह जिला एक बार फिर सुर्खियों में है. दरअसल, नीतीश कुमार सरकार के दो मंत्रियों के बच्चे आगामी लोकसभा चुनाव में आमने-सामने हो सकते हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विश्वासपात्र और मंत्री अशोक कुमार चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) उम्मीदवार के रूप में समस्तीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ेंगी. दूसरी ओर जनता दल (यूनाइटेड) के एक अन्य मंत्री और पूर्व में नीतीश के विश्वासपात्र महेश्वर हजारी के बेटे सनी हजारी उसी सीट से चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस में शामिल हो गए हैं.
कांग्रेस ने नहीं की है उम्मीदवार की घोषणा
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर कई नेता अपनी जगह अपने बेटे, बेटी, रिश्तेदारों को किसी ना किसी पार्टी में शामिल कराते हुए सिंबल लेने में जुटे हैं. इसी कड़ी में समस्तीपुर में भी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है. हालांकि, कांग्रेस ने अभी तक इस सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. यदि सनी हजारी को नामांकित किया जाता है, तो समस्तीपुर आरक्षित सीट पर जदयू के दो मंत्रियों के बच्चों के बीच मुकाबला होगा. इससे मतदाताओं में प्रत्याशा और उत्साह की भावना बढ़ गई है.
दोनों उम्मीदवारों ने अपनी संभावनाओं को लेकर भरोसा जताया है. सनी हजारी ने कहा, “मुझे नहीं पता कि मुझे टिकट दिया जाएगा या नहीं, लेकिन मैं लोकसभा सीट पर पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करूंगा.” इस बीच, शांभवी चौधरी ने कहा, “देखो मार्जिन कितना होगा”.
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दोनों मंत्रियों ने बच्चों की राजनीति से बनाई दूरी
दिलचस्प बात यह है कि दोनों मंत्रियों ने अपने बच्चों की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं से खुद को दूर कर लिया है. महेश्वर हजारी ने सीएम के प्रति अपनी निष्ठा दोहराते हुए कहा, “सनी का कांग्रेस में शामिल होने का फैसला उनका अपना है. मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है. मेरी निष्ठा पूरी तरह से नीतीश कुमार के प्रति है.” इसी तरह, अशोक चौधरी बिना किसी दुविधा के अपनी बेटी के लिए सक्रिय रूप से प्रचार कर रहे हैं क्योंकि एलजेपी और जेडी (यू) दोनों एनडीए का हिस्सा हैं.
समस्तीपुर में चौथे चरण में 13 मई को चुनाव होना है. जैसे-जैसे तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे समस्तीपुर का सियासी पारा चढ़ना तय है. अगर शांभवी चौधरी और सनी हजारी के बीच आमना-सामना होता है, तो यह इन चुनावों में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले मुकाबलों में से एक होगा.
पिछले चुनाव के नतीजे
2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए के सहयोगी लोजपा के टिकट पर रामचन्द्र पासवान चुनाव लड़े थे और लगातार दूसरी जीत हासिल की थी. 2019 के चुनाव में रामचन्द्र पासवान को 562,443 वोट मिले थे. वहीं दूसरे नंबर पर कांग्रेस के अशोक कुमार रहे थे. अशोक को 310,800 वोट मिले थे. वहीं तीसरे नंबर पर वाजिब अधिकार पार्टी के अजय कुमार थे, इन्हें 27,577 वोट मिले थे.
क्या है जातीय समीकरण?
बताते चलें कि समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र में कुशवाहा और यादव जाति के लोग अधिक हैं. इसके अलावा अनुसचित जाति की आबादी भी अधिक है. सामान्य और ओबीसी समुदाय के वोटर्स भी ठीक-ठीक संख्या में हैं. वहीं मुस्लिम वोटरों की संख्या भी अच्छी खासी है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कुल 12 उम्मीदवार मैदान में थे, लेकिन सबको पटखनी देते हुए लोजपा के रामचंद्र पासवान विजयी हुए थे.