SEHORE: कुबेरेश्वर धाम में 3 दिन में 3 मौत; हर रोज 10 लाख श्रद्धालु पहुंच रहे, 7 दिवसीय रूद्राक्ष महोत्सव का आज आखिरी दिन

सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में 3 दिनों में 3 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. तेज धूप और गर्मी के कारण श्रद्धालुओं की तबीयत खराब हो रही है.
3 devotees died in 3 days in Kubereshwar Dham of Sehore

सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में 3 दिनों में 3 श्रद्धालुओं की मौत हो गई.

Kubereshwar Dham Sehore: सीहोर जिले के कुबेरेश्वर धाम में पिछले तीन दिनों में तीन भक्तों की मौत हो गई. सोमवार सुबह अचानक बीमार होने पर एक महिला श्रद्धालु को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घषित कर दिया. इसके पहले रविवार और शनिवार को लगातार दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी. सात दिवसीय रुद्राक्ष महोत्वस का आज समापन है. समापन कार्यक्रम में आज मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी शामिल हुए.

हर दिन पहुंच रहे 10 लाख श्रद्धालु

कुबेरेश्वर धाम में शामिल होन के लिए हर दिन 10 लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. सात दिवसीय रुद्राक्ष महोत्वस में आज कथा का आखिरी दिन था. आज भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु धाम में पहुंचे. भीड़ और गर्मी ज्यादा होने के कारण श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है. जिसके कारण कई श्रद्धालु बीमार पड़ गए.

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गुजरात से आई थी महिला

महिला श्रद्धालु मंजू कथा में शामिल होने के लिए गुजरात से सीहोर के कुबेरेश्वर धाम पहुंची थी. जहां अचानक तबीयत खराब होने पर महिला को सुबह 6 बजे अस्पताल पहुंचाया गया. जहां डॉक्टर न उसे मृत घोषित कर दिया.

रविवार और शनिवार को भी हुई श्रद्धालुओं की मौत

इसके पहले रविवार को कुबेरेश्वर धाम में 25 साल के गोलू कोष्टा की मौत हो गई थी. गोलू जबलपुर का रहने वाला था और कथा सुनन के लिए अपने 4 साथियों के साथ कुबेरेश्वर धाम पहुंचा था. लेकिन तेज गर्मी के कारण वह बीमार पड़ गया था. वहीं शनिवार को यूपी के कानपुर से आए विजेंद्र नाम के श्रद्धालु की मौत हो गई थी.

समापन के दिन मुख्यमंत्री भी पहुंचे

7 दिवसीय रुद्राक्ष महोत्सव महोत्सव 25 फरवरी को शुरू हुआ था. इसका समापन आज यानी सोमवार को है. समापन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी पहुंचे. इस दौरान मंच पर पहुंचकर मुख्यमंत्री ने पंडित प्रदीप मिश्रा से आशीर्वाद लिया और फिर श्रद्धालुओं को संबोधित किया.

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कुपोषण को दूर करने के लिए गाय पालन जरूरी है. मेरा मानना है कि शराब की दुकानों की जगह दूध की दुकानें खोली जानी चाहिए.’

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