MP News: जनजाति विभाग में 40 लाख की घटिया सामग्री खरीदी का घोटाला उजागर, डिप्टी कलेक्टर बृजेश सिंह निलंबित

MP News: डिप्टी कलेक्टर एवं तत्कालीन जिला संयोजक, जनजातीय विभाग बृजेश सिंह को कलेक्टर के प्रस्ताव पर संभागीय कमिश्नर ने निलंबित कर दिया है.
Deputy Collector Brijesh Singh

निलंबित डिप्टी कलेक्टर बृजेश सिंह

रिपोर्ट_अर्पित बड़कुल

MP News: मध्य प्रदेश के दमोह जिले से एक चौका देने वाला मामला सामने आया है. जनजाति विभाग अंतर्गत अनुसूचित जाति छात्रावास में रहने वाले छात्रों के लिए 40 लाख रुपये की सामग्री खरीदी गई थी. शुरुआती दिनों से ही सामग्री की गुणवत्ता को लेकर चर्चाएं जोरों पर थीं. लगातार शिकायतों के बाद सामग्री खरीदने वाले डिप्टी कलेक्टर एवं तत्कालीन जिला संयोजक, जनजातीय विभाग बृजेश सिंह को कलेक्टर के प्रस्ताव पर संभागीय कमिश्नर ने निलंबित कर दिया है.

कलेक्‍टर ने जारी किया निलंबित करने का आदेश

जानकारी के अनुसार छात्रावासों में वर्ष 2024-25 के लिए 40 लाख रुपये की राशि से गुणवत्ता-विहीन सामग्री डिप्टी कलेक्टर सहित अन्य दो अधिकारियों द्वारा खरीदी गई थी. संभाग आयुक्त अनिल सुचारी ने कलेक्टर दमोह के प्रस्ताव पर तत्काल प्रभाव से डिप्टी कलेक्टर एवं तत्कालीन प्रभारी जिला संयोजक, जनजातीय कार्य विभाग दमोह, बृजेश सिंह को निलंबित करने का आदेश जारी किया है. आदेश में उल्लेख है कि अधीक्षकों से प्राप्त मांग पत्रों के आधार पर खरीदी गई सामग्री गुणवत्ता-विहीन थी और मप्र भंडार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियम 2015 (संशोधित 2022) के नियम 17.4 का पालन नहीं किया गया.

प्राप्त सामग्री की गुणवत्ता संबंधी जानकारी 7 दिन के भीतर उपार्जनकर्ता अभिकरण को ई-मेल या ई-पोर्टल के माध्यम से नहीं भेजी गई. इसके साथ ही जैम पोर्टल पर तीनों रोल संबंधित सहायक ग्रेड-3 को सौंपने और क्रय प्रक्रिया के समुचित पर्यवेक्षण में भी गंभीर लापरवाही सामने आई है. बिना आवश्यक निरीक्षण के नियमों के विपरीत हुई यह कार्रवाई वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आती है. इसी कारण बृजेश सिंह का यह कृत्य मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का उल्लंघन माना गया है. मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 09 के तहत उन्हें निलंबित किया गया है.

कैसे हुआ 40 लाख का खरीदी घोटाला

दरअसल, जनजातीय विभाग द्वारा अनुसूचित जाति छात्रावासों में निवासरत छात्रों के लिए खेल सामग्री, गद्दा, तकिया, पलंग, टेबल, कुर्सी, गिलास, बाल्टी आदि सामग्री जैम पोर्टल से खरीदी गई थी. यह सामग्री न सिर्फ घटिया गुणवत्ता की थी बल्कि खरीद मूल्य भी चौंकाने वाला था. विभाग ने 2 रुपये की वस्तु को 200 रुपये में खरीदा था. मामले की शिकायत कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर से की गई. उन्होंने जांच के आदेश दिए, जिसके बाद 2 महीने चली जांच में अपर कलेक्टर मीना मसराम ने 40 लाख रुपये के घोटाले की पुष्टि की और दोषियों पर FIR दर्ज करने की अनुशंसा की.

जांच रिपोर्ट और संपूर्ण फाइल एसपी को भेजी गई. लेकिन एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने यह कहते हुए फाइल वापस लौटा दी कि जांच प्रतिवेदन में दोषियों के नाम, पद और स्थान का स्पष्ट उल्लेख नहीं है. सिर्फ एक साधारण जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस FIR दर्ज कैसे कर सकती है. बाद में 40 लाख रुपये के इस घोटाले पर कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने डिप्टी कलेक्टर बृजेश सिंह के निलंबन की पुष्टि की है.

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