Bhopal में सड़क धंसने के 5 बड़े कारण, टाइम से नहीं हो रही मेंटेनेंस और मॉनिटरिंग

सड़क को 305 करोड़ की लागत से बनाई गई थी. सड़क बनने के बाद साल 2013 से हर साल 62 करोड़ टोल वसूला जाता है. एक्सपर्ट के अनुसार, वहानों की संख्या के आधार पर 12 साल में औसतन 650 करोड़ रुपए की टोल वसूली हो चुकी है.
Road caved in in Bhopal.

भोपाल में सड़क धंसी.

Bhopal News: राजधानी भोपाल में बिलखिरिया स्थित स्टेट हाईवे 18 का हिस्सा ईस्टर्न बायपास पर सूखी सेवनिया आरओबी के पास सड़क धंसने की घटना हुई. सड़क धंसने के बाद डरावना मंजर दिखाई दिया. गनीमत रही कि सड़क पर कोई वाहन नहीं था, अन्यथा जनहानि हो सकती थी. एक तरफ की आर-ई करीब 100 मीटर लंबा सड़क का हिस्सा गड्‌ढे में तब्दील हो गया. घटना के तुरंत बाद एमपीआरडीसी ने एक्शन लेते हुए चीफ इंजीनियर बीएस मीणा, जीएम मनोज गुप्ता और जीएम आरएस चंदेल की अध्यक्षता में एक जांच टीम गठित की.

जांच टीम ने घटनास्थल का दौरा किया

वहीं गठित की गई जांच टीम ने आज घटनास्थल का दौरा किया और घटना का जायजा लिया. टीम ने सड़क के डैमेज पोर्शन का आकलन किया. साथ ही क्षतिग्रस्त सड़क का मेजरमेंट भी लिया. इसके बाद टीम अब घटना का कारण का पता लगा रही है. रिटेनिंग वॉल के धंसने के कारणों का पता लगाकर टीम अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी. जिसके आधार पर सरकार इस मामले में कार्रवाई करेगी. जांच रिपोर्ट में अगर कोई लापरवाही या अनियमितता सामने आती है, तो जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

सड़क धंसने के पांच प्रमुख कारण

जांच टीम के दौरे के बाद शुरुआती जांच में सड़क के धंसने के पांच मुख्य कारण सामने आ रहे हैं. पहला रिटेनिंग वॉल की ऊंचाई कम होना, दूसरा सड़क के नीचे पानी का जमा होना, तीसरा ग्राउंड लेवल से सड़क की ऊंचाई के मुताबिक स्लोपिंग की लंबाई कम होना, चौथा अर्थ फिलिंग में भरे गए मिट्टी और मुरम मानक के अनुसार नहीं, फिलिंग के बाद रोलिंग भी ठीक से नहीं और पांचवा समय-समय पर मेंटेनेंस और मॉनिटरिंग नहीं होना है.

सड़क की मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा

फिलहाल सड़क धंसने का सटीक कारण जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा, लेकिन जिस सड़क पर घटना हुई अब उसकी मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है. विस्तार न्यूज़ में बहुत ही प्रमुखता से सड़क की जर्जर हालत को लेकर रिपोर्ट दिखाई थी, जिसके बाद आज सड़क पर डामरीकरण होता दिखाई दिया.

सड़क पर हो हुए गड्ढे की मरम्मत तो हो रही है, लेकिन इसी सड़क का और भी हिस्सा धंस सकता है. घटनास्थल से लगे हुए सड़क के साइड में ही कई बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं, जो संकेत दे रहे हैं कि किसी भी वक्त सड़क के आगे का हिस्सा भी धंस सकता है. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि जब सड़क का निर्माण हो रहा था, तभी हमने अधिकारियों को चेताया था कि गुणवत्ताहिन मुरम और मिट्टी न डाला जाए. लेकिन उसे समय अनदेखी की गई जिसका नतीजा अब भुगतना पड़ रहा रहा है.

बता दें कि इस सड़क को 305 करोड़ की लागत से बनाई गई थी. सड़क बनने के बाद साल 2013 से हर साल 62 करोड़ टोल वसूला जाता है. एक्सपर्ट के अनुसार, वहानों की संख्या के आधार पर 12 साल में औसतन 650 करोड़ रुपए की टोल वसूली हो चुकी है. लेकिन सड़क का मेंटेनेंस पिछले तीन-चार सालों से हुआ ही नहीं है. जिसके कारण सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं और हादसे हो रहे हैं.

सड़क बनाने वाली कंपनी में भी फॉल्ट

बिलखिरिया की सड़क 2013 में ट्रॉन्सट्राय इंडिया प्रा. लिमिटेड ने बीओटी (बिल्ट, ऑपरेट, ट्रांसफर) मॉडल पर बनाई थी. लेकिन उसने अनुबंध की शर्तों के अनुसार समय प्रोजेक्ट पूरा नहीं किया. 2020 में कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया गया. इससे पहले 2017 में कंपनी ब्लैकलिस्ट की गई पर अफसर आंखें मूंदे रहे और रूटीन ऑडिट तक नहीं किया.

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