Indore में भिखारियों की जानकारी देने पर कलेक्टर ने 6 लोगों को दिया इनाम, अब भीख देने वालों की भी खैर नहीं, होगी वीडियो रिकॉर्डिंग

MP News: भिखारियों को रेस्क्यू कर शहर से बाहर भेजा जा रहा है. वहीं भीख देने वाले पर भी कानूनी कार्रवाई करने का आदेश कलेक्टर जारी कर चुके हैं
6 people were honored for giving information about beggars in Indore

इंदौर में भिखारियों की जानकारी देने पर 6 लोगों को सम्मानित किया गया

MP News: इंदौर (Indore) देश का पहला भिखारी मुक्त शहर बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है. जिला प्रशासन इसके लिए कमर कसे हुए है. भिखारियों को रेस्क्यू कर शहर से बाहर भेजा जा रहा है. वहीं भीख देने वाले पर भी कानूनी कार्रवाई करने का आदेश कलेक्टर जारी कर चुके हैं. अब भिखारियों की सूचना देने वाले को एक हजार रुपये का नगद इनाम दिया जा रहा है. भीख देने वालों के वाहनों के नंबर के आधार पर उन पर कार्रवाई करने की भी योजना बनाई गई है.

6 लोगों ने इनाम लेने से इनकार किया

कलेक्टर आशीष सिंह ने भिक्षावृत्ति रोकने में मदद करने वाले 6 व्यक्तियों को 1000 रुपये का इनाम दिया है. यह इनाम उस सूचना पर दिया गया था, जिसे कलेक्टर ने भिक्षावृत्ति की रोकथाम के लिए जारी किया था.आदेश जारी करने के बाद सैकड़ों कॉल्स कलेक्टर कार्यालय में आए थे. इनमें से 12 नागरिकों की सूचना सही पाई गई. इन लोगों को इनाम देने के लिए कलेक्टर कार्यालय बुलाया गया था. लेकिन इनमें से 6 लोगों ने इनाम लेने से इनकार कर दिया. बाकी 6 को सोमवार को कलेक्टर ने इनाम राशि का वितरण किया.

सूचना देने पर इन्हें मिला इनाम

इनाम पाने वालों के नाम वसीम खान, उमेश वर्मा, आकाश परासर, आकाश नायक, तुषार गंगवानी और अंकित मालवीय है. कलेक्टर आशीष सिंह ने इन नागरिकों की सराहना की. इस प्रयास को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सभी से सहयोग की अपील की है.

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भीख देने वालों की वीडियो रिकॉर्डिंग की जा रही है

परियोजना अधिकारी दिनेश मिश्रा ने कहा कि भिक्षावृत्ति रोकने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए प्रशासन की टीम ने भिक्षा देने वालों की वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू कर दी है. भिक्षा देने वालों की पहचान करने के लिए उनकी गाड़ियों के नंबर दर्ज किए जा रहे हैं. गाड़ी नंबर के माध्यम से RTO से संबंधित लोगों की जानकारी इकट्ठा की जाएगी. जानकारी मिलने के बाद विभाग द्वारा भिक्षा देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

पिछले महीने प्रशासन ने भिखारियों पर की थी कार्रवाई

इंदौर के लोग भिखारियों को जमकर दान देते हैं. यहां कई भिखारी परिवार सहित प्रतिमाह लाखों रुपये कमाते हैं. कुछ की 10 दिन की कमाई 75 हजार रुपये तक पाई गई. एक भिखारी तो आंध्रप्रदेश से ट्रेन में रिजर्वेशन करवाकर इंदौर में भीख मांगने के लिए आया हुआ था. वही राजस्थान से आकर होटल में कमरा लेकर भिक्षावृत्ति करने वालों को प्रशासन की टीम ने वापस राजस्थान भेजा है. भिखारियों को रेस्क्यू कर उज्जैन के सेवाधाम आश्रम भेजा जाता है.

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