रायसेन में 6 साल की बच्ची से हैवानियत, आरोपी 5 दिनों से फरार, लोगों में आक्रोश, मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान

MP News: इस मामले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है. आयोग ने रायसेन कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किया है. पीड़िता के स्वास्थ्य एवं प्राइमरी सहायता में की गई लापरवाही को लेकर आयोग ने नाराजगी जाहिर करते हुए एसपी-कलेक्टर को तलब किया है
6-year-old girl physically abused in Raisen, accused absconding, Human Rights Commission issues notice

रायसेन रेप केस: प्रदर्शनकारियों ने किया प्रदर्शन

MP News: रायसेन में 6 साल की बच्ची से दुष्कर्म करने वाला आरोपी पिछले 5 दिनों से फरार है. गौहरगंज में आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर लोगों ने बुधवार को बड़ी संख्या में प्रदर्शन किया. बताया जा रहा है कि स्कूल ग्राउंड में प्रदर्शन के बाद प्रदर्शनकारी अपने घरों की ओर लौटे रहे थे. इस दौरान कुछ युवक मुस्लिम बहुल बावली बस्ती की ओर जाने लगे. उन्हें रोका गया लेकिन नहीं रुके. नियंत्रण के लिए पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज कर दिया. इस पर भीड़ उग्र हो गई और पथराव कर दिया.

6 जिलों की पुलिस, 500 से ज्यादा जवान तैनात

गौहरगंज में स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है. दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक किसी भी स्थिति से निपटने के लिए 6 जिलों की पुलिस को तैनात किया गया है. मोर्चे पर 500 से ज्यादा जवान और क्विक रिस्पॉन्स फोर्स को भी तैनात किया गया है. डीआईजी प्रशांत खरे ने बताया कि शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन के दौरान कुछ लोगों ने पथराव किया, इसे नियंत्रित रखने के लिए हल्का बल प्रयोग किया गया. वर्तमान में स्थिति सामान्य है.

मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है. आयोग ने रायसेन कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किया है. पीड़िता के स्वास्थ्य एवं प्राइमरी सहायता में की गई लापरवाही को लेकर आयोग ने नाराजगी जाहिर करते हुए एसपी-कलेक्टर को तलब किया है. आयोग के राष्ट्रीय सदस्य प्रियंक कानूनगो की निगरानी में जांच के लिए कमेटी बनाई गई.

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इस मामले की पूरी टाइमलाइन

दरअसल, रायसेन जिले के गौहरगंज थाने क्षेत्र से 21 नवंबर की शाम 7.30 बजे 6 साल की बच्ची लापता हो गई. परिजन के तलाशने के बाद बच्ची जंगल में गंभीर हालत में मिली. बच्ची को औबेदुल्लागंज अस्पताल लाया गया फिर यहां से भोपाल एम्स के लिए रेफर कर दिया. अगले दिन यानी 22 नवंबर को लोगों ने गौहरगंज थाने के सामने प्रदर्शन किया. चक्काजाम भी किया. पिछले 5 दिनों से महिलाएं थाने के बाहर कैंप लगाकर प्रदर्शन कर रही हैं.

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