एक्सीडेंट प्रूफ होगा MP-UP में 790 किलोमीटर रेल ट्रैक, 2 ट्रेनों के टकराव को रोकेगा कवच सिस्टम

कवच तकीनीक के इस्तेमाल से 2 ट्रेनों के आपस में टकराने की घटनाओं को रोका जा सकता है. कवच एक ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम है.
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Kavach Train Protection System: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 790 किलोमीटर रेल ट्रैक अब एक्सीडेंट प्रूफ होगा. झांसी, आगरा और प्रयागराज रेल मंडल के 14 रेलखंडों में कवच प्रणाली लागू करने के लिए मंजूरी मिल गई है. इस सिस्टम को इंस्टॉल करने से दो ट्रेनें आपस में नहीं टकरातीं और सुरक्षित दूरी पर ही टकराने से पहले रुक जाती हैं. ये सिक्योर रूट 309 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा.

जानिए किन रूट्स पर एक्टिव होगा एक्सीडेंट प्रूफ सिस्टम

लगभग 790 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक को कवच सिस्टम के जरिए एक्सीडेंट प्रूफ बनाया जाएगा. इसमें प्रयागराज रेल मंडल के शिकोहाबाद- फर्रुखाबाद ब्लॉक, आगरा रेल मंडल में धौलपुर सरमथुरा और भांडई से उदीमोड़ रेल रूट शामिल है. इसके अलावा झांसी मंडल की बात करें तो ललितपुर–खजुराहो, ग्वालियर के बिरलानगर उदीमोड़, खजुराहो महोबा, AIT कोंच, अलीगढ़ हरदुआगंज, खुर्जा जंक्शन खुर्जा सिटी, बरहन एटा, इटावा मैनपुरी, कानपुर अनवरगंज खंड, मोहारी टंटपुर, उदीमोड़ इटावा ब्लॉक पर कवच प्रणाली स्थापित की जाएगी.

क्या होती है कवच टेक्नोलॉजी

कवच तकीनीक के इस्तेमाल से 2 ट्रेनों के आपस में टकराने की घटनाओं को रोका जा सकता है. कवच एक ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम है. जब ये सिस्टम रेल ट्रैक पर एक्टिव किया जाता है तो एक्सीडेंट की संभावना बेहद कम हो जाती है. इस सिस्टम के एक्टिव होने से ये ट्रेन ड्राइवर को स्पीड को लेकर समय-समय पर अलर्ट करता रहता है. साथ ही घने कोहरा होने पर भी अलर्ट करता है. इस सिस्टम को इंस्टॉल करने से दो ट्रेनें आपस में नहीं टकरातीं और सुरक्षित दूरी पर ही टकराने से पहले रुक जाती हैं

कवच सिस्टम रेलवे के अंब्रेला प्रोजेक्ट के तहत स्थापित किए जा रहे हैं. रेल ट्रैक पर कवच सिस्टम लागू करने के लिए

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