Ujjain: शिवनवरात्रि के 8वें दिन बाबा महाकाल का उमा-महेश के रूप में किया गया शृंगार, हरे रंग के वस्रों से सजाया गया
शिवनवरात्रि के 8वें दिन बाबा महाकाल को उमा महेश के रूप में सजाया गया
ShivNavratri: मध्य प्रदेश के उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में शिवनवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है. ये पर्व महाशिवरात्रि तक चलेगा. इस पर्व को 9 दिनों तक मनाया जाता है. हर दिन बाबा महाकाल का अलग-अलग शृंगार किया जाता है. सोमवार को यानी आठवें दिन बाबा महाकाल को उमा-महेश के रूप में सजाया गया.
बाबा महाकाल को उमा-महेश के रूप में सजाया गया
उज्जैन में शिवनवरात्रि का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इस बार ये बार 10 दिनों तक मनाया जाएगा. बाबा महाकाल का अलग-अलग रूपों में शृंगार किया जाता है. इस शृंगार का मुख्य उद्देश्य बाबा को दूल्हे के रूप में तैयार करना होता है. आठवें दिन बाबा को विशेष रूप से उमा महेश शृंगार से शृंगारित किया गया. पुजारियों ने विशेष अभिषेक कर मंत्रोच्चारण कर पूजा-अर्चना की. हरे रंग के वस्त्रों से सजाया गया.
भोग आरती और संध्या आरती का समय बदलेगा
शिवनवरात्रि के समय बाबा महाकाल की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. भोग आरती और संध्या पूजन का समय बदल जाएगा. आम दिनों में भोग आरती सुबह 10 बजे और संध्या आरती 5 बजे होती है. वहीं शिवनवरात्रि के समय भोग आरती दोपहर 1 बजे होगी और संध्या आरती 3 बजे की जाएगी.
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क्यों मनाया जाता है शिवनवरात्रि उत्सव?
हिंदू शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. देश भर के सभी शिव मंदिरों में इस त्योहार को धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में इसे विशेष रूप से मनाया जाता है. इसके लिए आयोजन 9 दिन पहले से ही शुरू हो जाते हैं जिसे शिवनवरात्रि के नाम से जाना जाता है. हर दिन बाबा महाकाल का शृंगार विशेष रूप से किया जाता है. किसी दिन बाबा को मेहंदी लगाई जाती है तो किसी दिन हल्दी. इस हर दिन अलग-अलग रूप में बाबा को सजाया जाता है. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को दूल्हे के रूप में सजाया जाता है.
इस बार 9 की जगह 10 दिन मनाया जाएगा उत्सव
वैसे तो महाकाल मंदिर में शिवनवरात्रि का उत्सव 9 दिनों तक मनाया जाता है. लेकिन इस बार ये 10 दिन तक मनाया जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार तिथि वृद्धि के कारण इस बार शिवनवरात्रि पर्व 10 दिन मनाया जाएगा. 30 साल के बाद ऐसा संयोग बन रहा है.