MP News: देवास की आबकारी अधिकारी सस्पेंड, शराब ठेकेदार ने वीडियो बनाकर किया था सुसाइड, लगाया था वसूली का आरोप

MP News: वीडियो में मकवाना गाड़ी में बैठकर बताते दिख रहे हैं कि सहायक आयुक्त उनसे प्रति दुकान डेढ़ लाख रुपये की मांग करती थीं.
Liquor contractor accuses officer of extortion

शराब ठेकेदार ने अधिकारी पर लगाया वसूली का आरोप

MP News: देवास जिले के आबकारी विभाग में शुक्रवार को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक माह पहले जहर खाकर जान देने वाले शराब ठेकेदार दिनेश मकवाना का मौत से ठीक पहले बनाया गया वीडियो सोशल मीडिया पर फैल गया. इस वीडियो में मकवाना ने आबकारी सहायक आयुक्त मंदाकिनी दीक्षित पर पैसा वसूलने के गंभीर आरोप लगाए हैं. आरोपों के बाद सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आबकारी सहायक आयुक्‍त मंदाकिनी दीक्षित को सस्‍पेंड कर दिया.

सीएम मोहन यादव ने किया सस्‍पेंड

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद सीएम मोहन यादव ने मामले का संज्ञान लिया और आबकारी सहायक आयुक्‍त मंदाकिनी दीक्षित को तुरंत सस्‍पेंड कर दिया. सीएम ने इस बात की जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर की. सीएम यादव ने एक्‍स पर लिखा देवास जिले में एक मदिरा ठेकेदार द्वारा आत्महत्या के पूर्व बनाए गए वायरल वीडियो पर संज्ञान लेते हुए देवास की प्रभारी सहायक आबकारी आयुक्त को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है. उनके विरुद्ध जांच भी की जा रही है. यह प्रकरण प्रथम दृष्ट्या अत्यंत गंभीर श्रेणी का है.

शराब ठेकेदार का वीडियो आया सामने

इंदौर के कनाड़िया क्षेत्र में रहने वाले दिनेश मकवाना देवास जिले में तीन ग्रुप के तहत 14 करोड़ का ठेका लेकर पांच शराब दुकानों का संचालन करते थे. 8 नवंबर को उन्होंने जहर खाकर खुदकुशी कर ली थी, जिसके बाद कनाड़िया पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी. अब वायरल हुए इस वीडियो में मकवाना गाड़ी में बैठकर बताते दिख रहे हैं कि सहायक आयुक्त उनसे प्रति दुकान डेढ़ लाख रुपये की मांग करती थीं.

उन्होंने दावा किया कि वह 20 से 22 लाख रुपये पहले ही दे चुके थे, लेकिन घाटे का हवाला देते हुए कुछ समय मांगा था. आरोप यह भी है कि उनकी बात न मानने पर वेयरहाउस से माल जारी न करने के निर्देश दिए गए थे, जिससे वह मानसिक दबाव में आकर जान देने को मजबूर हो गए.

अधिकारी ने आरोपों को बताया प्रतिष्ठा खराब करने की साज़‍िश

वहीं, मंदाकिनी दीक्षित ने इन आरोपों को पूरी तरह गलत और प्रतिष्ठा खराब करने की साज़िश करार दिया. उनका कहना है कि वीडियो को देर से फैलाया गया, जिससे इसके पीछे ब्लैकमेलिंग की मंशा स्पष्ट दिखाई देती है. दीक्षित का यह भी दावा है कि मृतक के परिवार ने वीडियो दिखाकर उन्हें धमकाने की कोशिश की थी. उन्होंने वीडियो की सत्यता और समय की जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि यह पुराना हो सकता है और दुर्भावनापूर्ण तरीके से तैयार किया गया होगा.

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जिला प्रशासन ने कहा है कि मामले की जांच चल रही है और पुलिस द्वारा सामने लाए गए तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि दुकानों से अवैध उगाही को लेकर कोई लिखित शिकायत मिलती है, तो उसकी विस्तृत जांच होगी.

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