MP News: भिंड में कुक के खाते से हुआ 46 करोड़ का लेनदेन, आयकर विभाग ने भेजा नोटिस
हाथ में नोटिस लिया हुआ व्यक्ति
MP News: भिंड के रहने वाले एक कुक के अकाउंट से 46 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है. यह बात आयकर विभाग के दिए गए नोटिस के बाद सामने आई है. नोटिस मिलने के बाद पीड़ित पुणे से नौकरी छोड़कर वापस घर आया. उसका कहना है कि मैं ढाबे में काम करता हूं, मेरे अकाउंट में साल के तीन लाख रुपए का भी लेन-देन नहीं हुआ, ऐसे में करोड़ों रुपए का नोटिस कैसे आ गया.
आयकर विभाग द्वारा नोटिस दिया गया
असल में इस मामले का धुंआ कुछ दिन पहले उठा, ग्वालियर में राजपूत ढाबा पर खाना बनाने वाले कुक रविंद्र चौहान का परिवार भिंड के गांधी नगर में रहता है. वे भिंड के ही मूल निवासी हैं अप्रैल महीने में उनके घर एक सरकारी नोटिस आया. ये नोटिस आयकर विभाग द्वारा भेजा गया था जो अंग्रेज़ी में था, चूंकि उस समय रविन्द्र पुणे में नौकरी कर रहे थे और परिवार में कोई इतना पढ़ा-लिखा नहीं है तो नोटिस के बारे में कुछ समझ नहीं सके. इसके बाद हाल ही में जुलाई में फिर वैसा ही नोटिस आया तो घरवालों ने रवींद्र को बताया.
नोटिस लेकर वकील के पास पहुंचा रवींद्र
कुछ दिन बाद जब रवींद्र घर गए और नोटिस देखा तो समझ नहीं पाए और आसपास के लोगों ने कहा कि इस पर सील लगी है कुछ ना कुछ गड़बड़ है. इस बात से चिंतित रवींद्र अपने पड़ौस में रहने वाले वकील एडवोकेट प्रद्युम्न सिंह भदौरिया के पास पहुंचे और उन्हें वह नोटिस दिखाया तो पता चला कि रवींद्र सिंह चौहान के बैंक खाते में 46 करोड़ 18 लाख 32 हज़ार 916 रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है और शक के आधार पर इसकी जानकारी चाही गई है. ये बात सुनते ही रवींद्र की हवाइयां उड़ गई क्योंकि वह एक ढाबे पर खाना बनाता है. उसके बैंक खाते में इतना पैसा आने का सवाल ही नहीं था.
दूसरी बार नोटिस आने पर पुणे से गांव लौटा
रवींद्र ने बताया कि वह पुणे में हेल्पर की नौकरी कर रहा था. जब ये नोटिस आना शुरू हुए लेकिन जब दो नोटिस आए तो घबरा गया कि कोई तो बात है जो बार बार लेटर आ रहे हैं. इसलिए नौकरी छोड़कर घर आया और अपने मोहल्ले में रहने वाले वकील प्रद्युम्न सिंह भदौरिया को लेटर दिखाया तो उन्होंने बताया की ये आयकर विभाग का नोटिस है और खाते में करोड़ों का लेनदेन हुआ है.
बैंक पहुंचकर स्टेटमेंट निकलवाया
ये बात सुनकर चौंके रवींद्र ने वकील भदौरिया की सलाह पर भिंड के पंजाब नेशनल बैंक में अपने खाते का पांच साल का स्टेटमेंट निकलवाया, लेकिन उन पांच वर्षों में उसके बैंक खाते में तीन लाख रुपये का भी ट्रांजैक्शन नहीं था. इस बात से परेशान पीड़ित रवींद्र वकील प्रद्युमन सिंह के साथ दोबारा बैंक गए और वहां बैंक मैनेजर की मदद से पता लगा कि रवीन्द्र के नाम पर दिल्ली के उत्तम नगर ब्रांच में एक खाता है. जिसमे पिछले दो वर्षों से कोई लेनदेन नहीं है, लेकिन उसमे वर्तमान में भी 12.5 लाख रुपये जमा हैं.
दूसरी खाता बंद करने को कहा रवींद्र
इसके बाद रवींद्र को इस बात का पता चला कि पूर्व में जब वह ग्वालियर के मेहरा टोल प्लाजा पर मेस हेल्पर का काम करता था. उसी दौरान उसके सुपरवाइजर शशिराय भूषण ने उसका एक खाता बैंक में खुलवाया था, हालांकि रवीन्द्र ने इस पर ऑब्जेक्शन भी किया और उसे बंद करने की बात कही. वो बैंक भी सुपर वाइजर के साथ गया लेकिन वहां बैंक मैनेजर ने कहा कि ये खाता बंद नहीं होगा उसके लिए जीएसटी ऑफिस जाना होगा. बाद में शशि भूषण में कहा कि उसका खाता बंद हो गया है. रवींद्र ने उसकी बात मान ली.
पुलिस द्वारा अब तक कोई कार्यवाई नहीं हुआ
रवींद्र का कहना है कि वह एक गरीब आदमी है और घर चलाने के लिए ढाबे पर काम करता है. और उसके साथ इस धोखाधड़ी का आरोप उसने शशिराय भूषण पर लगाया है. पीड़ित का यह भी कहना है कि उसने इस संबंध में ग्वालियर के सिरोल थाना, एसपी जनसुनवाई और साइबर सेल में भी शिकायत की है. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
नोटिस लेकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट गए
इस मामले को लेकर रवींद्र की मदद को आगे आए ग्वालियर हाईकोर्ट में वकील प्रद्युमन सिंह भदौरिया का कहना है कि जुलाई में दूसरा नोटिस आने के बाद रवीन्द्र उनके पास आए थे. नोटिस से पता चला कि उनके खाते में 46 करोड़ 18 लाख रुपये से अधिक के लेनदेन हुए हैं. इसके बाद वे उसे लेकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में गए जहां उन्हें पता चला कि रवींद्र के नाम उत्तमनगर दिल्ली में खोला गया. बैंक खाते किसी शौर्य ट्रेडर्स नाम की कंपनी से जुड़ा है और पूरा लेनदेन उसी के अधीन हुआ है. इस मामले सभी साक्ष्य और आवेदन एसपी कार्यालय, स्टेट साइबरसेल ऑफिस में भी दिए हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ऐसे में इस मामले पर संज्ञान लेकर जल्द पुलिस को दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए.