MP: सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन ना मिलने से मरीज की मौत, शहडोल में 10 करोड़ की लागत से बनाया गया था हॉस्पिटल

जयसिंहनगर के लिए राज्य सरकार ने 10 करोड़ रुपये की लागत से 50 बेड का नया अस्पताल बनवाया. अस्पताल कागजों पर तो आधुनिक सुविधाओं से लैस बताया गया. लेकिन सच्चाई ये है कि इस नए भवन में मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली बैकअप, ऑक्सीजन पाइपलाइन, दवा स्टोर, पर्याप्त स्टाफ तक उपलब्ध नहीं है.
A patient died due to lack of oxygen in the government hospital of Jaisinghnagar.

जयसिंहनगर के सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन ना मिलने से मरीज की मौत हो गई.

Shahdol News: मध्य प्रदेश के शहडोल के सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन ना मिलने से मरीज की मौत हो गई. इलाज के लिए आए 65 साल के एक बुजुर्ग को अस्पताल में भर्ती करवाय गया था लेकिन ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने से उनकी मौत हो गईं. वहीं एक और महिला को ऑक्सीजन नहीं मिलने से शहडोल मुख्यालय रेफर किया गया.

सांस लेने में तकलीफ होने पर अस्पताल में भर्ती करवाया गया

शहडोल के जयसिंहनगर थाना क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 2 निवासी योगेश्वर पाण्डेय (65) को सांस लेने में तकलीफ होने पर परिजनों ने उन्हें शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया. मरीज की हालत स्थिर थी और उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत थी. तभी अचानक बिजली चली हो गई, जिसके चलते ऑक्सीजन सप्लाई रुक गई. ऑक्सीजन की वैकल्पिक व्यवस्था न होने से मरीज की हालत बिगड़ती चली गई. परिवार ने ड्यूटी डॉक्टर से संपर्क किया, लेकिन आधे घंटे तक कोई सिलेंडर उपलब्ध नहीं हो पाया.

आखिरकार मरीज ने दम तोड़ दिया. हैरत की बात ये कि अस्पताल में और भी सांस रोगी उस वक्त ऑक्सीजन के इंतजार में परेशान होते दिखाई दिए. अस्पताल में जनरेटर उपलब्ध है लेकिन उसका उपयोग नहीं किया जाता है. शायद यही कारण है कि समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलने से मरीज की मौत हो गई. यदि समय पर जनरेटर चालू कर उसका उपयोग किया होता तो शायद बजुर्ग की मौत नहीं होती.

10 करोड़ की लागत से बनाया गया है अस्पताल

जयसिंहनगर के लिए राज्य सरकार ने 10 करोड़ रुपये की लागत से 50 बेड का नया अस्पताल बनवाया. अस्पताल कागजों पर तो आधुनिक सुविधाओं से लैस बताया गया. लेकिन सच्चाई ये है कि इस नए भवन में मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली बैकअप, ऑक्सीजन पाइपलाइन, दवा स्टोर, पर्याप्त स्टाफ तक उपलब्ध नहीं है. व्यवस्थाओं की बदहाली सवाल खड़े करती है कि क्या अब सरकारी अस्पताल सिर्फ शिलान्यास और उद्घाटन तक सीमित रह गए हैं.

वहीं इस पूरे मामले पर BMO डॉ. के एल दीवान का कहना है कि उपचार के लिए आए एक वृद्ध की हालत पहले से नाजुक थी, उसे ऑक्सीजन दिया गया था, इस दौरान लाइट गुल हो गई थी. जिसके कारण थोड़ा व्यवस्था बिगड़ गई , इलाज के दौरान वृद्ध की मौत हो गई.

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