बाघ के मुंह से छीन लेता है निवाला… देवास के जंगलों में दिखा जंगली कुत्ता ढोल, जानवर को जिंदा ही खा सकता है
जंगली कुत्ता ढोल
MP News: मध्य प्रदेश में वन्यजीव संरक्षण के लिहाज से एक ऐतिहासिक मामला सामने आया है. वन विभाग ने गुरुवार को देवास के खेओनी वन्यजीव अभ्यारण्य में दो जंगली कुत्तों (ढोल) के देखे जाने की आधिकारिक पुष्टि की है. यह पहला अवसर है जब इस अभ्यारण्य में इन अत्यंत दुर्लभ और खूंखार शिकारियों की मौजूदगी दर्ज की गई है. इस खबर से वन अधिकारियों के साथ-साथ प्रकृति प्रेमियों में भी खासा उत्साह देखा जा रहा है.
बाघ के मुहं से छीन लेता है शिकार
डीएफओ अमित सिंह के अनुसार जंगली कुत्ते, जिन्हें ढोल कहा जाता है, अपनी असाधारण शिकार क्षमता के लिए जाने जाते हैं. बड़ी बिल्लियों के विपरीत ये कुत्ते अकेले नहीं रहते, बल्कि संगठित झुंडों में शिकार करते हैं, जिससे वे भारतीय वन्यजीवन के सबसे सफल शिकारी माने जाते हैं. उनका उग्र स्वभाव और सामूहिक रणनीति उन्हें तेंदुए और बाघ जैसे आकार में कहीं बड़े मांसाहारी जीवों का सामना करने और कई बार उनसे शिकार छीनने में भी सक्षम बनाती है. वे झुंड बनाकर सुनियोजित तरीके से हमला करते हैं, जो उनकी सबसे बड़ी ताकत है. ढोल जिंदा जानवरों को भी खाने में सक्षम होते हैं. वे शिकार करते हैं और उसे तुरंत खाने खा जाते हैं.
ढोल का दिखना एक महत्वपूर्ण संकेत
उन्होंने कहा कि खेओनी वन्यजीव अभ्यारण्य में जंगली कुत्तों का दिखना यहां की अच्छी वन स्थिति का एक महत्वपूर्ण संकेत है. इस क्षेत्र में इनका पाया जाना बेहद दुर्लभ है, इसलिए उनकी उपस्थिति यह दर्शाती है कि अभ्यारण्य फल-फूल रहा है और अब शीर्ष शिकारी जीवों के लिए भी एक सुरक्षित व अनुकूल आवास बन चुका है. जंगली कुत्तों की मौजूदगी से अभ्यारण्य के पारिस्थितिकी तंत्र और जैव विविधता को और मजबूती मिलने की उम्मीद है.
विभाग ने ली ढोल की तस्वीर
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को देखे गए दो जंगली कुत्तों में से एक की स्पष्ट तस्वीर लेने में विभाग सफल रहा है. अब एक व्यापक सर्वेक्षण करने की योजना बनाई जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि ये दोनों किसी बड़े झुंड का हिस्सा हैं या अस्थायी रूप से यहां पहुंचे हैं, अथवा उन्होंने खेओनी को अपना स्थायी आवास बना लिया है. मौजूदा प्रजनन मौसम को देखते हुए यह जांच और भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
फिलहाल वन विभाग हाई अलर्ट पर है और कैमरा ट्रैप तथा गश्ती दलों की मदद से जंगली कुत्तों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है. माना जा रहा है कि ये कुत्ते अपने संभावित नए घर की तलाश में क्षेत्र में इधर-उधर विचरण कर रहे हैं. सामान्य तौर पर जंगली कुत्ते राज्य के पेंच, बांधवगढ़ और कान्हा राष्ट्रीय उद्यानों में पाए जाते हैं, लेकिन इंदौर-उज्जैन क्षेत्र में इनके दिखने की खबरें बेहद कम रही हैं, जिससे यह घटना और भी खास मानी जा रही है.
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