सतना में बच्चों को संक्रमित खून चढ़ाने के मामले में बड़ा एक्शन, ब्लड बैंक प्रभारी समेत 3 कर्मचारी सस्पेंड

HIV Infection Case Satna: सतना में संक्रमित खून चढ़ाने के मामले में ब्लड बैंक प्रभारी और दो लैब टेक्नीशियन को निलंबित कर दिया गया है. इसके अलावा एक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
Satna District Hospital Blood Case

सतना जिला अस्पताल (File Photo)

Satna Hospital Blood Case: सतना में संक्रमित खून चढ़ाने के मामले में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने कड़ी कार्रवाई की है. डॉ. योगेश भरसट आईएएस ( CEO आयुष्मान भारत) की अध्यक्षता में गठित सात सदस्यीय जांच समिति की प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर ब्लड बैंक प्रभारी और दो लैब टेक्नीशियन को निलंबित कर दिया गया है. इसके अलावा पूर्व सिविल सर्जन डॉ मनोज शुक्ला जिला हास्पिटल सतना को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है.

जांच टीम ने पूर्व सिविल सर्जन को नोटिस जारी कर लिखित स्पष्टीकरण मांगा है. अगर उनके स्पष्टीकरण से विभाग संतुष्ट नहीं होगा तो उनके ऊपर कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए चेतावनी जारी की गई है. यह कार्रवाई पैथोलॉजिस्ट और ब्लड बैंक प्रभारी डॉ देवेन्द्र पटेल, लैब टेक्नीशियन नंदलाल पांडे और राम भाई त्रिपाठी पर की गई है. आरोप है कि उन्होंने प्रोटोकॉल का सही से पालन नहीं किया. इसके अलावा रिकॉर्ड पर भी गड़बड़ी पाई गई थी, जिसके बाद यह फैसला लिया गया.

क्या था मामला?

सतना के जिला अस्पताल में थैलेसीमिया से पीड़ित 5 मासूम बच्चे इलाज कराने आए थे, इस दौरान उन्हें खून चढ़वाना पड़ा. अस्पताल के कर्मचारियों ने बच्चों को खून तो चढ़ाया लेकिन एचआईवी (HIV) पॉजिटिव. जिसके बाद मामला खराब हो गया. जब यह मामला सुर्खियों पर आया तो जांच बैठ गई. जांच में भी चौंकाने वाले खुलासे हुए. जांच में पाया गया कि इन बच्चों तक संक्रमण किसी न किसी डोनर के जरिए ही पहुंचा है.

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प्रबंधन की लापरवाही आई सामने

बच्चों के परिजनों ने बड़ी आस के साथ जहां अस्पताल में इलाज कराने आए थे, उन्हें बिल्कुल भी यह अंदाजा नहीं था कि जिस खून को जिंदगी बचाने के लिए चढ़ाया जा रहा है. वहीं बच्चों के लिए जानलेवा बन जाएगा. इसमें सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि करीब 9 महीने पहले ही बच्चे पॉजिटिव पाए गए थे, लेकिन इसकी भनक अस्पताल या जिला प्रशासन को नहीं लगी, यह मामला सिस्टम की नाकामी को भी दर्शाता है.

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