Indore News: चूहे के काटने पर एयरपोर्ट पर नहीं मिली थी मेडिकल हेल्प, डॉक्टर पर गिरी गाज
इंदौर एयरपोर्ट में यात्री के पैंट में घुसा चूहा
Indore News: इंदौर में देवी अहिल्या एयरपोर्ट से कल एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया था. एयरपोर्ट पर यात्री की पैंट में चूहा घुसकर उसे काट लिया था. चूहे के काटने पर यात्री को इंदौर एयरपोर्ट पर कोई मेडिकल मदद नहीं मिली. यात्री ने बेंगलुरु पहुंचकर रेबिज का इंजेक्शन लगवाया और अपना इलाज करवाया था.
आज इस मामले में इंदौर एयरपोर्ट प्रबंधन ने सख्ती दिखाते हुए मेडिकल रूम में पदस्थ डॉक्टर हर्षवर्धन सिंह को यात्री के इलाज में संवेदनशीलता नहीं दिखाने के आरोप में पद से हटा दिया है. एयरपोर्ट पर चूहों के खात्मे के लिए पेस्ट कंट्रोल का काम शुरू कर दिया गया है.
ये भी पढे़ं- इंदौर एयरपोर्ट पर यात्री की पैंट में घुसकर चूहे ने काटा, बेंगलुरु में लगवाना पड़ा रेबीज का इंजेक्शन
मामले में डॉक्टर हर्षवर्धन सिंह को प्रबंधन ने कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है. वहीं एयरपोर्ट पर पेस्ट कंट्रोल का काम करने वाली कंपनी पीसीआई पेस्ट कंट्रोल ऑफ इंडिया पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
एयरपोर्ट पर यात्री की पैंट में घुसा था चूहा
इंदौर एयरपोर्ट पर मंगलवार को एक हैरान करने वाली घटना सामने आई थी. जब भोपाल निवासी अरुण मोदी अपनी पत्नी के साथ बेंगलुरु जाने के लिए पहुंचे थे. इंडिगो की फ्लाइट 6E6739 से दोपहर 3:05 बजे उड़ान भरनी थी, इसलिए दोनों करीब 1 बजे डिपार्चर हॉल में इंतजार कर रहे थे. तभी ग्राउंड फ्लोर पर रखे रिकलाइनर से अचानक एक चूहा निकला और सीधे अरुण की पैंट में घुस गया.
अचानक हुए इस घटनाक्रम से अरुण घबरा गए और चूहे को पकड़ने की कोशिश की, इसी दौरान उसने उनके घुटने के पीछे काट लिया. हड़बड़ी में अरुण को अपनी पैंट उतारनी पड़ी और फिर चूहा पकड़ा गया. इसके बाद स्टाफ उन्हें मेडिकल रूम लेकर गया.
यात्री ने बेंगलुरु में लगवाया रेबिज का इंजेक्शन
घायल यात्री ने बताया कि उन्होंने तुरंत अपने डॉक्टर को फोन कर जानकारी दी. डॉक्टर ने रेबीज और टिटनेस दोनों इंजेक्शन लगाने की सलाह दी, लेकिन एयरपोर्ट मेडिकल रूम में रेबीज तो दूर, शुरुआत में टिटनेस का इंजेक्शन भी उपलब्ध नहीं था. स्टाफ ने जब इंजेक्शन की कमी बताई तो अरुण ने नाराजगी जताई, जिसके बाद एयरपोर्ट मैनेजर के हस्तक्षेप पर टिटनेस का इंजेक्शन लगाया गया. रेबीज का इंजेक्शन न मिलने पर अरुण ने डॉक्टर से प्रिस्क्रिप्शन मांगा और अंततः बेंगलुरु पहुंचने के बाद वहां इलाज करवाया.