लव जिहाद फंडिंग के आरोपी अनवर कादरी की पार्षदी गई, 5 वर्ष के लिए किया गया अयोग्य घोषित

Indore News: यह कार्रवाई मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 19(1)(अ) के तहत की गई है. महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने वार्ड 58 के पार्षद अनवर कादरी को हटाने की मांग संभागायुक्त डॉ. खाड़े से की थी.
Anwar Qadri, accused of funding love jihad

लव जिहाद फंडिंग के आरोपी अनवर कादरी

Indore News: इंदौर संभाग आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े ने सोमवार को नगर निगम के वार्ड क्रमांक 58 के पार्षद अनवर कादरी को पार्षद पद से हटाने का आदेश जारी किया है. साथ ही उन्हें धारा-23 के अंतर्गत पांच वर्ष के लिए अयोग्य भी घोषित किया गया है. यह कार्रवाई मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 19(1)(अ) के तहत की गई है. महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने वार्ड 58 के पार्षद अनवर कादरी को हटाने की मांग संभागायुक्त डॉ. खाड़े से की थी.

लव जिहाद जैसे आपराधिक मामलों में लिप्‍त है अनवर कादरी

नगर निगम द्वारा आयोजित सम्मेलन में इस संबंध में विशेष प्रस्ताव लाया गया था. लव जिहाद जैसे आपराधिक गतिविधियों में शामिल पार्षद अनवर कादरी को पार्षद पद से हटाने के लिए नगर निगम के सम्मेलन में यह प्रस्ताव पारित किया गया. वार्ड क्रमांक 58 के पार्षद अनवर कादरी पर लव जिहाद को बढ़ावा देने के लिए एक संप्रदाय विशेष के युवकों को आर्थिक सहायता (फंडिंग) करने और उन्हें प्रेरित करने के आरोप विभिन्न समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित हुए थे.

कादरी की इस शर्मनाक घटना से शहर में नकारात्मक प्रभाव पड़ा और नागरिकों में आक्रोश देखने को मिला. इस घटना को लेकर नागरिकों ने शहर में प्रदर्शन भी किया. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि अनवर कादरी के कृत्य ने शहर की सद्भावना को ठेस पहुंचाई और साम्प्रदायिक वातावरण बिगाड़ा. इस घटना को लेकर नागरिकों ने कादरी के विरुद्ध पुलिस थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई.

जिले के कई थानाें में दर्ज है आपराधिक मामले

जानकारी के अनुसार, पार्षद अनवर कादरी पर जिले के विभिन्न थानों में आपराधिक और गंभीर धाराओं में 23 प्रकरण दर्ज हैं. उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 506, 392, 324, 302, 307, 452, 341, 427, 25 आर्म्स एक्ट, 64, 64(2)(एम), धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम सहित कई गंभीर प्रकरण पंजीबद्ध हैं. इन धाराओं के अलावा भी कादरी पर अन्य कई मामलों में अपराध दर्ज हैं.

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अनवर कादरी को दिया था पक्ष समर्थन का अवसर

प्रकरण की सुनवाई के दौरान अनवर कादरी को पक्ष समर्थन का पर्याप्त अवसर दिया गया था. हालांकि, वे निर्धारित पेशी दिनांक पर उपस्थित नहीं हुए. उनकी पत्नी द्वारा प्रस्तुत जवाब में ऐसा कोई दस्तावेजी साक्ष्य या प्रमाण नहीं दिया गया, जिस पर विचार करते हुए महापौर द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को निरस्त किया जा सके.

संभागायुक्त के आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि पार्षद अनवर कादरी लगातार आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं. नगर निगम इंदौर के प्रस्ताव में भी इसका उल्लेख है, जिससे यह प्रमाणित होता है कि कादरी का पार्षद पद पर बने रहना न तो सार्वजनिक हित में है और न ही नगर निगम के लिए वांछनीय है.

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