Archana Tiwari Case: हरदा में प्लानिंग,सारांश के साथ इटारसी से पहुंची नेपाल…पुलिस ने बताई अर्चना के भागने की पूरी कहानी

Archana Tiwari Case: एसपी ने बताया कि नेपाल बॉर्डर से लड़की को बरामद किया गया है. कटनी से लॉ की पढ़ाई की है. जबलपुर से वकालत की प्रैक्टिस की. इंदौर में रहकर सिविल जज की तैयारी कर रही थी. यहां लड़की की मुलाकात सारांश नाम के शख्स से हुई
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अर्चना तिवारी केस

Archana Tiwari Case: लापता अर्चना तिवारी को 13 दिनों बाद उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से खोज लिया गया है. उसे बुधवार को राजधानी भोपाल लाया गया है. इस मामले में एमपी के शुजालपुर के सारांश नाम का शख्स सामने आया है. भोपाल स्थित पुलिस कमिश्नर ऑफिस में आज प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई. एसपी रेलवे राहुल लोढ़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है.

‘हरदा में बनाई थी प्लानिंग’

एसपी ने बताया कि नेपाल बॉर्डर से लड़की को बरामद किया गया है. कटनी से लॉ की पढ़ाई की है. जबलपुर से वकालत की प्रैक्टिस की. इंदौर में रहकर सिविल जज की तैयारी कर रही थी. यहां लड़की की मुलाकात सारांश नाम के शख्स से हुई. 7 अगस्त को ये नर्मदा एक्सप्रेस कटनी जा रही थी. इसी ट्रेन में सारांश भी था. दोनों के बीच बातचीत हुई. उन्होंने आगे बताया कि सारांश, तेजिंदर और अर्चना ने मिलकर हरदा में 6 अगस्त को भागने की पूरी प्लानिंग की थी.

‘प्लानिंग की मास्टरमाइंड अर्चना है’

रेलवे पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा ने बताया कि 6 अगस्त को तीनों अर्चना, तेजिंदर और अर्चना ने प्लानिंग बनाई थी. इस पूरी प्लानिंग की मास्टरमाइंड अर्चना तिवारी ही थी. तीनों ने इंदौर-बिलासपुर नर्मदा एक्सप्रेस से भागने की प्लानिंग की थी. उन्होंने आगे बताया कि तेजिंदर गाड़ी चलाने का काम करता है. अर्चना, सारांश के जरिए तेजिंदर से संपर्क में आई थी.

‘गुमशुदगी की झूठी कहानी रची’

अर्चना तिवारी केस में पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इंदौर से महेश्वर जाना हो या और कहीं अर्चना तेजिंदर के साथ उसकी गाड़ी में ही जाती थी. उन्होंने आगे बताया कि सारांश व्हाया रोड इटारसी पहुंची था. अर्चना ने ट्रेन में ही कपड़े बदले थे ताकि उसे कोई पहचान ना सके. वहीं तेजिंदर को मोबाइल और घड़ी दिया था. जानबूझकर ट्रेन की सीट पर सामान छोड़कर गई थी, देखकर ऐसा लगे कि अर्चना लापता हो गई है.

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‘नेपाल भागने का प्लान बनाया’

राहुल लोढ़ा ने बताया कि जिस रात इन्होंने प्लानिंग बनाई, उसी रात को दिल्ली पुलिस ने तेजिंदर को पकड़ा और दिल्ली ले गई. उस पर फ्रॉड का केस था. यदि दिल्ली पुलिस तेजिंदर को नहीं ले जाती तो केस और जल्दी सुलझ जाता. केस के बारे में एसपी ने बताया कि अर्चना और सारांश बुरहानपुर भी गए. यहीं से नेपाल भागने का प्लान बनाया. दोनों बस से जोधपुर गए, फिर से यहां से दिल्ली गए. दिल्ली से नेपाल की राजधानी काठमांडू पहुंचे. काठमांडू से लौटे तो नेपाल बॉर्डर पर लखीपुर खीरी पुलिस की मदद से उन्हें पकड़ा गया. फिर दोनों को दिल्ली फिर से फ्लाइट से भोपाल लाया गया.

‘अर्चना पर कोई केस नहीं बनता’

रेलवे एसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ग्वालियर का कॉन्सटेबल राम तोमर का लगातार अर्चना को फोन करता था. उसके कॉल से परेशान थी. हालांकि अर्चना के लापता होने में राम तोमर की कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने आगे बताया कि अर्चना ने कहीं भी नया मोबाइल और सिमकार्ड नहीं खरीदा था. अर्चना पर कोई भी कानूनी मामला नहीं बनता है, इसलिए कोई केस दर्ज नहीं किया गया है.

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